
शरद पवार के सर्टिफिकेट और जाति को लेकर क्या बवाल हुआ कि सुप्रिया सुले को देनी पड़ी सफाई
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महाराष्ट्र में एक तरफ मराठा आरक्षण का मुद्दा छाया हुआ है दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार का एक फर्जी सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस वायरल दस्तावेज में शरद पवार की कैटेगरी ओबीसी लिखी है.
सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार का एक कास्ट सर्टिफिकेट वायरल हो रहा है जिसमें शरद पवार को ओबीसी कुनबी बताया गया. अब इस मामले पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और पार्टी एनसीपी ने सफाई दी है और इस सर्टिफिकेट को फर्जी बताया है. दरअसल मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटील के आंदोलन के बाद मराठा और ओबीसी समुदाय एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
फर्जी सर्टिफिकेट वायरल
मराठा समुदाय के आरक्षण को लेकर जब मनोज जरांगे पाटिल अंतरवाली सरते में अनशन पर बैठे तो उस दौरान शरद पवार उनसे मिलने गए थे. बाद में शरद पवार इनका एक कास्ट सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिस पर शरद पवार ओबीसी होने की बात कही गई थी. इस सर्टिफिकेट को फर्जी बताते हुए एनसीपी नेताओं ने दावा किया कि यह पवार को बदनाम करने की साजिश है. इसके बाद एनसीपी ने उनका स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट दिखाया जिस पर शरद पवार की जाति मराठा लिखी गई है.
सुप्रिया सुले का बयान
इस बारे में जब सांसद सुप्रिया सुले से बात की गई तब उन्होंने यह किसी का बचपना है. उन्होंने कहा कि जिस समय शरद पवार ने पढ़ाई की, उस समय सारे सर्टिफिकेट मराठी में बनते थे. जो फर्जी सर्टिफिकेट वायरल किया जा रहा है वह अंग्रेजी में है. इससे साफ है कि यह किसी ने जानबूझकर किया है.
पवार को बदनाम करने की साजिश

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