शंखनाद: एनडीए के खिलाफ चेहरा कौन, यूपीए या तीसरा मोर्चा?
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ओमिक्रॉन की दहशत का साया पूरे देश पर छाया हुआ है. मगर इस संकट के इतर भारत की राजनीति अपने शबाब पर है. पश्चिम बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी इन दिनों घूम-घूम कर भारत भ्रमण कर रही हैं. और पूरी कोशिश में हैं कि विपक्ष का वो सबसे बड़ा चेहरा बन सकें. ममता बनर्जी खुद को विपक्ष का चेहरा साबित करने के लिए कांग्रेस को खारिज कर रही हैं. ममता ने कांग्रेस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया. भले ही पिछले कुछ वक्त से कांग्रेस में दरार नजर आ रही हो. लेकिन, इस बार कांग्रेस के सारे दिग्गज नेता दीदी के खिलाफ मैदान पर डटे हैं. देखें वीडियो.
माफिय डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद पोस्टमार्टम खत्म हो गया है. प्रशासन मुख्तार की डेड बॉडी अब गाजीपुर भेजने की तैयारी में है. इस मामले में बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जांच के आदेश दिए हैं. इधर मुख्तार के परिवार वालों ने दिल्ली के एम्स में पोस्टमार्टम कराने की मांग की है. बेटे उमर अंसारी ने मुख्तार को धीमा जहर देने का आरोप लगाया गया है.
मुख्तार अंसारी का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद यूसुफपुर कस्बे में शुक्रवार को लाया जाएगा. इसे देखते हुए शुक्रवार को इलाके भर में लोगों ने दुकानें बंद कर रखी थीं. काली बाग में अंसारी परिवार के कब्रिस्तान में पिता की कब्र के बगल में मुख्तार की कब्र खोदी गई है.
मुख्तार अंसारी का परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ. 5 डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार के शव को एंबुलेंस से गाजीपुर लाया जा रहा है. मुख्तार के परिजन पोस्टमार्टम से संतुष्ट नहीं. बेटे उमर ने बांदा के डीएम को लिखी चिट्ठी, एम्स में दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की. देखें बड़ी खबरें.
देश में आम चुनाव की घोषणा हो गई है. बिहार में सभी 40 सीटों पर सातों चरणों में मतदान होगा. यहां 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई, और 1 जून को वोट पड़ेंगे. बिहार के बाहुलियों ने भी अपने प्लान को जमीन पर उतार दिया है. आनंद मोहन, अवधेश मंडल, रमेश सिंह कुशवाहा, अशोक महतो ने अपनी पत्नियों को चुनाव में उतारा है.
माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. बांदा मेडिकल कॉलेज में उनका पोस्टमार्टम होगा. मुख्तार की जिंदगी की कहानी बहुत दिलचस्प है. वो एक ऐसे घर से आते हैं जिसमें स्वतंत्रता सेनानी और परमवीर चक्र पाने वाले लोग शामिल हैं. मगर मुख्तार ने क्यों अपने लिए ऐसी राह को चुना? जानें मुख्तार की पूरी कहानी.