
वैश्विक जगत का 'मुखिया' बनने की चाहत में चीन, खुद के विवाद सुलझ नहीं रहे और बना दिया ये संगठन
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चीन के इस प्रस्तावित संगठन के संस्थापक देशों की फेहरिस्त में पाकिस्तान के अलावा अल्जीरिया, बेलारूस, कंबोडिया, जिबूती, इंडोनेशिया, लाओस, सर्बिया और सूडान शामिल हैं. चीन के मुताबिक उसकी इस पहल पर जहां 32 देशों ने दस्तखत किए हैं. वहीं, कई अन्य देशों और यूएन समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन का भी उसने दावा किया है.
अमेरिका से बराबरी के लिए बेताब चीन के दिल में अब दुनिया के देशों के बीच चौधराहट की चाहत भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में चीन ने एक नया संगठन बनाया है, जिसका नाम रखा गया है- अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन या इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर मीडिएशन.
हॉन्गकॉन्ग में स्थापित इस संगठन के चार्टर पर सबसे पहले दस्तखत करने वाले मुल्कों में जाहिर तौर पर पाकिस्तान भी शामिल है. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार महज 15 दिनों में दूसरी बार चीन में मौजूद थे.
पाकिस्तानी मंत्री ने चीन के प्रयास को पूरा समर्थन जताने के साथ-साथ अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर का राग अलापने का मौका नहीं गंवाया. शिमला समझौते में द्विपक्षीय स्तर पर सभी मुद्दे सुलझाने का वादा कर चुके पाकिस्तान के नेता यूं तो कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का राग आलापते नहीं थकते. लेकिन हॉन्गकॉन्ग में इशाक डार ने चीन के इस संगठन के सहारे यूएन के कई लंबित मामलों और विवादों को सुलझाने की उम्मीदों का सेहरा बांध दिया.
चीन की इस पहल पर 32 देशों ने किए दस्तखत
चीन के इस प्रस्तावित संगठन के संस्थापक देशों की फेहरिस्त में पाकिस्तान के अलावा अल्जीरिया, बेलारूस, कंबोडिया, जिबूती, इंडोनेशिया, लाओस, सर्बिया और सूडान शामिल हैं. चीन के मुताबिक उसकी इस पहल पर जहां 32 देशों ने दस्तखत किए हैं. वहीं, कई अन्य देशों और यूएन समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन का भी उसने दावा किया है.
अतंरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने की कोशिश करेगा संगठन

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