
लाखों लोगों की गई जान, करोड़ों बेघर... क्या नए साल में थमेंगी ये तीन भीषण लड़ाइयां?
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नया साल आ चुका है और दुनिया के कुछ बड़े हिस्से युद्ध की चपेट में हैं. युद्ध की वजह से हजारों लोगों की मौत हो रही है और लाखों की संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं. जिस तीव्रता के साथ दुनिया में तीन युद्ध चल रहे हैं, उसे देखकर यह कह पाना थोड़ा मुश्किल लगता है कि इस साल ये युद्ध खत्म हो जाएंगे या फिर इनकी तीव्रता कम होगी.
यूक्रेन से लेकर यमन, गाजा से लेकर सूडान तक...दुनिया के कई हिस्से इस वक्त युद्ध की चपेट में हैं और इसकी तपन पूरी दुनिया महसूस कर रही है. एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा है तो दूसरी तरफ इजरायल-हमास युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा. यमन संघर्ष को तो एक दशक हो गए और लाखों लोगों की जान ले चुके इस युद्ध की आग अब तक भभक रही है.
सालों से चल रहे ये युद्ध कब खत्म होंगे, इसका कोई सीधा जवाब देना बहुत मुश्किल है. नया साल दुनिया के लोगों के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है लेकिन युद्धग्रस्त इलाकों में रह रहे लोगों को लिए हर गुजरता दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं है. दुनिया में चल रहे तीन युद्धों में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लाखों विस्थापित हो चुके हैं.
यमन युद्ध में मारे गए तीन लाख 77 हजार लोग
दुनिया में चल रहे तीन युद्धों में सबसे लंबे समय से यमन युद्ध चल रहा है जिसकी शुरुआत सितंबर 2014 में हुई थी जब हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. हूती शिया मुसलमान है और माना गया कि ईरान के सहयोग से ही हूतियों ने सना पर कब्जा जमाया. यमन में चल रहे गृहयुद्ध का दायरा तब और बड़ा हो गया जब सऊदी अरब के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी युद्ध में कूद पड़ा.
ईरान के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए, सऊदी अरब और यूएई के गठबंधन ने राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने के लिए 2015 में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले किए. यूएई, सऊदी के हवाई हमले 7 सालों तक चले और इससे यमन में भारी विनाश हुआ. गृहयुद्ध में लाखों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए. यमन की तबाही को संयुक्त राष्ट्र ने 'सबसे बड़ी मानवीय तबाही' बताया है. यमन के गृहयुद्ध में अब तक करीब 3 लाख 77 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी UNHRC के मुताबिक, यमन की जनसंख्या की 14 फीसद आबादी यानी 45 लाख लोग फिलहाल विस्थापित जीवन जी रहे हैं. इनमें से अधिकांश लोग एक बार नहीं बल्कि कई बार विस्थापन की मार झेल चुके हैं. यमन की दो तिहाई आबादी यानी 2 करोड़ 16 लाख लोगों को मानवीय मदद और सुरक्षा की सख्त जरूरत है. यमन अब तक के सबसे व्यापक सूखे के खतरे से जूझ रहा है और लाखों लोग भुखमरी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं.

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