![लखीमपुर डबल मर्डर ने याद दिलाया बदायूं कांड, रेप के बाद हत्या कर पेड़ से लटका दी थीं दो बहनों की लाशें](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202209/badaun-kand-sisters-sixteen_nine.jpg)
लखीमपुर डबल मर्डर ने याद दिलाया बदायूं कांड, रेप के बाद हत्या कर पेड़ से लटका दी थीं दो बहनों की लाशें
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लखीमपुर खीरी जैसी घटना यूपी में पहले भी घट चुकी है. 8 साल पहले भी यूपी में ऐसा ही मामला बदांयू जिले से सामने आया था. जहां 27 मई 2014 की रात जिले के गांव कटरा सआदतगंज में रहनी वाली 12 और 14 साल की दो चचेरी बहने ऐसी ही दरिंदगी का शिकार हो गईं थीं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 2 सगी दलित बहनों की लाशें पेड़ पर लटकी मिलने के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. निघासन थाना क्षेत्र के तमोलीन पुरवा गांव से बुधवार की दोपहर दो लड़कियों का उनके घर के बाहर से अपहरण हो गया था. कुछ देर बाद उन दोनों की लाशें पास ही गन्ने के खेत में लगे एक पेड़ से लटकी मिली. मृत बहनों की उम्र 15 और 17 साल थी. इस मामले को लेकर सूबे की सियासत में उबाल आ गया है.
27 मई 2014, बदायूं जिला, यूपी सूबे में इस तरह की ये कोई पहली वारदात नहीं है, इससे पहले भी साल 2014 में ऐसा ही मामला बदांयू जिले से सामने आया था. 27 मई की रात जिले के गुमनाम से गांव कटरा सआदतगंज में रहनी वाली 12 और 14 साल की दो चचेरी बहने शौच के लिए खेत की ओर जा रही थीं. तभी रास्ते में दबंग आरोपियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. इसके बाद उनके साथ बलात्कार किया और फिर उनकी हत्या कर लाशें पेड़ पर लटका दी थीं.
इस डबल मर्डर की वारदात को लेकर नेताओं के सुर ऊंचे हो गए थे. सारी विपक्षी पार्टियों ने अखिलेश यादव सरकार पर धावा बोल दिया था. हर तरफ से कानून व्यवस्था के खिलाफ आवाज़े उठ रहीं थी. मीडिया और नेताओं का जमावड़ा भी कटरा सआदतगंज गांव में लगा हुआ था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी थी. ये वही दौर था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव के एक बयान ने उनकी फजीहत करा दी थी.
बयान ने करा दी थी फजीहत दरअसल, एक चुनावी रैली में सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने कह दिया था कि ‘लड़के आखिर लड़के होते हैं, गलती हो जाती है.’ मरने वाली दोनों लड़कियां शाक्य समुदाय से आती थीं. इस घटना के लेकर पूरे शाक्य समाज में रोष व्याप्त था. जिसे कैश करने के लिए तमाम सियासी दल दौड़ लगा रहे थे. मृतक लड़कियों के पिता 35 वर्षीय सोहनलाल और उनके 30 वर्षीय भाई जीवनलाल ने यादव समाज के लड़कों पर उनकी बेटियों की हत्या का इल्जाम लगाया था.
उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक ऐसे मीडिया ट्रायल में फंस गए थे, जहां उनसे जवाब देते नहीं बन रहा था. कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष हमलावर था. यह देश में अपनी तरह का संभवतः पहला मामला था, जिसमें 27 मई को बदायूं की वारदात के बाद एक हफ्ते में बलात्कार और हत्या के दर्जन भर मामले सामने आ चुके थे. लिहाजा दबाव बढ़ते देख अखिलेश सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी थी.
30 अगस्त 2022, बदायूं, यूपी बदायूं के कटरा सआदतगंज कांड में तब एक नई कहानी सामने आई थी. जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया था कि जिस दिन दोनों चचेरी बहनों की हत्या हुई, उसी दिन इस परिवार से जुड़ी एक और लड़की गांव में मौजूद थी और घटना के बाद वह दिल्ली चली गई थी. उस लडक़ी से सीबीआई ने दिल्ली में ही एक राउंड की पूछताछ भी की थी.
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