
लखनऊ जेल में 10 साल पहले मृत मिले थे वाईएस सचान, CBI कोर्ट ने करार दिया हत्या
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राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में आरोपी डॉक्टर वाईएस सचान लखनऊ जिला कारागार में बंद थे. लखनऊ जेल में डॉक्टर सचान संदिग्ध परिस्थितियों में 26 जून 2011 को मृत पाए गए थे. डॉक्टर सचान की मौत के इस मामले को सीबीआई कोर्ट ने हत्या करार दिया है.
लखनऊ जिला जेल में 26 जून 2011 को पूर्व डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाईएस सचान मृत पाए गए थे. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने जेल में डॉक्टर सचान की मौत को प्रथम दृष्टया हत्या माना है. डॉक्टर सचान की पत्नी मालती सचान की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट ने यूपी के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), आईजी के साथ ही तत्कालीन जेल अधिकारियों को तलब किया है.
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा की कोर्ट ने तत्कालीन डीजीपी करमवीर सिंह, एडिशनल डीजीपी वीके गुप्ता और लखनऊ के तत्कालीन आईजी जोन सुभाष कुमार सिंह को 8 अगस्त के दिन तलब किया है. जानकारी के मुताबिक इन अधिकारियों के साथ ही सीबीआई की विशेष अदालत ने लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, बंदी रक्षक बाबू राम दुबे और पहिंद्र सिंह को भी आरोपी के रूप में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है.
गौरतलब है कि डॉक्टर वाईएस सचान 26 जून 2011 को लखनऊ जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. वे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले से संबंधित मामले में लखनऊ कारागार में बंद थे. लखनऊ जेल में डॉक्टर सचान की मौत के मामले को लेकर हंगामा बढ़ा तो न्यायिक जांच हुई. जुलाई, 2011 में न्यायिक जांच में डॉक्टर सचान की मौत को हत्या करार दिया गया था.
प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 14 जुलाई 2011 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को डॉक्टर सचान की मौत को आत्महत्या बताते हुए मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी लेकिन मृतक डॉक्टर सचान की पत्नी मालती सचान ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी.
सीबीआई कोर्ट ने मालती सचान की याचिका स्वीकार कर सीबीआई को ये निर्देश दिया था कि मामले की आगे भी जांच करें. हालांकि, सीबीआई ने 9 अगस्त 2017 को फिर से मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. मालती सचान ने डॉक्टर सचान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ ही चिकित्सा विशेषज्ञों की राय और कई अन्य दस्तावेज भी सीबीआई कोर्ट में पेश कर दिए.
मालती सचान की ओर से दस्तावेज पेश किए जाने के बाद सीबीआई कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को फिर से खारिज कर दिया था. विशेष अदालत ने 19 नवंबर 2019 को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी थी. बता दें कि जब डॉक्टर सचान की जेल में मौत हुई थी तब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी.

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