रोजगार को लेकर केंद्र के दावे और विपक्ष का आरोप... समझिए देश में सरकारी नौकरी का हिसाब-किताब
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प्रधानमंत्री की वर्चुअल मौजूदगी में सोमवार को 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए. इसे लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार का घेराव भी किया. ऐसे में केंद्र के ही मंत्री अश्विनी चौबे का रोजगार को एक लेकर एक अनोखा दावा सामने आता है. आइए रोजगार से ही जुड़े कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं...
किसी भी देश में युवा के लिए रोजगार एक बेसिक जरूरत होता है. लेकिन भारत में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को विपक्ष रोजगार के मुद्दे पर अक्सर घेरता आया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल मौजूदगी में सोमवार को रोजगार मेला आयोजित हुआ, इस दौरान 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया. इस मौके पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए युवाओं को संबोधित भी किया.
पीएम ने इस दौरान भरोसा दिलाया कि 2030 तक भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा. लेकिन मोदी सरकार के रोजगार मेले पर कांग्रेस ने आज फिर तीखा हमला किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 2 करोड़ रोजगार का वादा किया लेकिन कुछ हजार नियुक्ति पत्र ही बांटे गए.
देश में रोजगार की स्थिति क्या है?
ऐसे में आइए समझ लेते हैं कि देश में रोजगार और नियुक्तियों की स्थिति क्या है? आपको बता दें कि भाजपा सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रही है. यानी 9 वर्ष से ज्यादा का समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर बिता चुके हैं. BJP सरकार के इन 9 वर्षों के पहले आठ साल में 7 लाख नौकरियां केंद्र सरकार ने दी और अब 10 महीने के भीतर ही साढ़े पांच लाख नियुक्ति पत्र युवाओं को बांट दिए गए हैं. जिसे देखकर कांग्रेस सवाल उठा रही है और बीजेपी इसे अपनी कामयाबी बताती है.
51 हजार लोगों को बांटे गए नियुक्ति पत्र
बता दें कि देश में सोमवार को आठवां रोजगार मेला लगा. 51 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र बंटा. खुद वर्चुअल तरीके से प्रधानमंत्री जुड़े. यहां प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को संबोधित भी किया. प्रधानमंत्री देश के युवाओं को लेकर पहले भी काफी उम्मीदें जता चुके हैं. पीएम मोदी ने 7 महीने पहले कहा था कि आज भारत एक युवा देश है, दुनिया की बड़ी युवा आबादी हमारे देश में है. युवा शक्ति इज द ड्राइविंग फोर्स ऑफ इंडियाज जर्नी. पीएम ने कहा था कि अगले 25 साल देश के निर्माण के लिए बहुत जरूरी हैं.
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