
'रूस से हथियार खरीदना बंद करे भारत', इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोले अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक
AajTak
लटनिक ने शुक्रवार को बताया कि किस प्रकार भारत द्वारा रूस से हथियारों की खरीद तथा ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) गठबंधन में उसकी भागीदारी, जिसने अमेरिकी डॉलर के स्थान पर वैकल्पिक मुद्रा लाने का विचार प्रस्तुत किया था, वाशिंगटन के साथ दिल्ली के संबंधों को प्रभावित करती है.
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में भारत और अमेरिका के संबंधों पर चर्चा करते हुए ब्रिक्स (BRICS) देशों द्वारा प्रस्तावित वैकल्पिक मुद्रा और भारत के रूस के साथ रक्षा व्यापार पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत को रूस से हथियर खरीदना बंद करना चाहिए.
लटनिक ने शुक्रवार को बताया कि किस प्रकार भारत द्वारा रूस से हथियारों की खरीद तथा ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) गठबंधन में उसकी भागीदारी, जिसने अमेरिकी डॉलर के स्थान पर वैकल्पिक मुद्रा लाने का विचार प्रस्तुत किया था, वाशिंगटन के साथ दिल्ली के संबंधों को प्रभावित करती है.
इंडिया टुडे टीवी के निदेशक राहुल कंवल से लटनिक ने कहा, "भारत BRICS में 'I' है, जो एक ऐसी मुद्रा बनाने की कोशिश कर रहा है जो वैश्विक आर्थिक मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर की जगह ले सके. ये चीजें वो प्रेम और स्नेह पैदा नहीं करतीं, जो हम भारत के लिए गहराई से महसूस करते हैं. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चाहता है कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंध अधिक न्यायसंगत हों और दोनों देशों के बीच एक मजबूत और प्रभावशाली साझेदारी बने."
भारत के रूस से रक्षा खरीद पर अमेरिका की आपत्ति
लटनिक ने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक रक्षा संबंधों को खत्म करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि भारत ने ऐतिहासिक रूप से रूस से अपनी सैन्य शक्ति का एक बड़ा हिस्सा खरीदा है, और हमें लगता है कि इसे खत्म करने की जरूरत है."
इसके अलावा उन्होंने इस बात को दोहराया कि भारत दुनिया के उन कुछेक देशों में शामिल है जो अमेरिकी सामानों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को टैरिफ में व्यापक कटौती करनी होगी जिससे अमेरिका भारतीय बाजार में प्रवेश कर सके और दोनों देशों के बीच बराबरी पर व्यापार हो सके.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






