राहुल गांधी vs स्मृति ईरानी 3.0! सपा के साथ गठबंधन में सीट तो मिली लेकिन जंग आसान नहीं
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यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच अलायंस फाइनल हो गया है. अमेठी सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि अमेठी में तीसरी बार स्मृति ईरानी से मुकाबले के लिए कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाने जा रही है. अब तक ना तो कांग्रेस और ना ही राहुल गांधी ने अमेठी से अपनी उम्मीदवारी को लेकर पुष्टि की है.
आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ महीने बचे हैं. कांग्रेस ने आखिरकार गुरुवार को INDIA ब्लॉक में सहयोगी समाजवादी पार्टी के साथ यूपी में सीट शेयरिंग पर सहमति बनाने का ऐलान कर दिया है. सपा 63 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और कांग्रेस अमेठी, रायबरेली समेत 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों सभी 80 सीटों पर एक-दूसरे के उम्मीदवारों को जिताने के लिए चुनावी मैदान में एक साथ देखे जाएंगे. यूपी में सपा-कांग्रेस दोनों सात साल अलायंस में सहयोगी बने हैं.
यूपी में रायबरेली और अमेठी को परंपरागत रूप से नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. हालांकि, 2024 के आम चुनाव में जाने से पहले कांग्रेस को दोनों पारंपरिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर सहमति बनाना आसान नहीं रहा है. एक समय ऐसा भी आया, जब सपा से गठबंधन टूटने की अंदरुनी खबरें तैरने लगीं. लेकिन, ऐन वक्त पर बात बिगड़ते-बिगड़ते बच गई.
'2019 में राहुल गांधी को अमेठी में मिली थी हार'
फिलहाल, राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या अमेठी में तीसरी बार राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा? इससे पहले 2014 के चुनाव में भी दोनों आमने-सामने थे और राहुल गांधी ने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 के चुनाव में राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था और स्मृति ने 55 हजार वोटों से चुनाव जीत लिया था. पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल ने अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था और वहां जीत हासिल की थी. अपने 'घरेलू मैदान' में स्मृति ईरानी के हाथों हार के बावजूद राहुल निचले सदन पहुंच गए थे.
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'15 साल अमेठी के सांसद रहे राहुल'
एग्जिट पोल का अनुमान बताता है कि बीजेपी और महायुति को जितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, वो पूरी होती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी को 20-22, कांग्रेस को 3-4, शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9-11, शिवसेना (शिंदे गुट) को 8-10, एनसीपी (शरद पवार) को 4-5 और एनसीपी (अजित पवार) को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
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