
राष्ट्रपति चुनाव: जब प्रणब दा के नाम पर मुहर लगाना भूल गए थे मुलायम सिंह, जानिए क्यों रद्द करना पड़ा उनका वोट
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राष्ट्रपति चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू है और 29 जून तक नॉमिनेशन कर सकते हैं जबकि 2 जुलाई तक नामांकन वापस ले सकते हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान जिसके नतीजे 21 जुलाई को आएंगे.
एक दशक पहले की बात है. महीना जुलाई था और तारीख थी 19. उस दिन मौसम और सियासी माहौल दोनों ही गर्म थे. दिल्ली में दोपहर करीब 12 बजे पारा 40 डिग्री था. ऐसी ही सियासी तपिश संसद भवन के अंदर भी थी, क्योंकि उस दिन देश के 13वें राष्ट्रपति के लिए वोटिंग हो रही थी. साल 2012 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए दो पुरोधा मैदान में आमने-सामने थे. एक थे प्रणब मुखर्जी और दूसरे पूरनो अगितोक संगमा (पीए संगमा).
विधायक अपने-अपने प्रदेश की राजधानी तो लोकसभा और राज्यसभा सदस्य संसद भवन के कमरा नंबर 63 में वोट कर रहे थे. विशेष आग्रह पर आठ विधायकों को भी संसद भवन में और 77 सांसदों को दिल्ली से बाहर उनके गृह राज्यों से मतदान करने की इजाजत दी गई थी. मतदान के दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जो हमेशा के लिए सांसदों को एक सीख भी दे गया.
जब मुलायम ने मांगा दूसरा मतपत्र
हुआ यूं कि वादे के मुताबिक मुलायम सिंह यादव यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के समर्थन में वोट करने मतदान केंद्र गए. उन्हें बैलट पेपर दिया गया. लेकिन न जाने क्या हुआ उन्होंने प्रणब मुखर्जी के नाम के आगे मुहर लगाने के बजाए बीजेपी के उम्मीदवार पीएम संगमा के नाम पर मुहर लगा दी. अगले ही पल उन्हें अपनी भूल का अहसास हो गया. मुलायम दोबारा चुनाव अधिकारी के पास गए और दूसरा बैलट मांगा. उन्होंने कहा कि वोट में गलती हो गई और यह कहते हुए ही उन्होंने अपना बैलट खुद ही फाड़ दिया.
मुलायम सिंह यादव ने दूसरे बैलट लिया और प्रणब मुखर्जी के लिए मुहर तो लगी दी, लेकिन बीजेपी नेता और पीए संगमा के पोलिंग एजेंट सतपाल जैन को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसका विरोध कर दिया. सतपाल जैन ने चुनाव अधिकारी और पर्यवेक्षक को लिखित शिकायत कर दी. साथ ही पीए संगमा की ओर से भी इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई गई थी.

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