राजस्थानः गहलोत सरकार के खिलाफ दिव्यांगजनों का आंदोलन, रोजगार और ज्यादा पेंशन की मांग
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ऐसे समय में जब एक एलपीजी सिलेंडर को भरवाने की कीमत 800 रुपये को पार कर चुकी है और पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच चुकी है, ये दिव्यांगजन चाहते हैं कि इनकी पेंशन की बढ़ोतरी कर ₹3,000 किया जाए ताकि वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. अब इस लिस्ट में दिव्यांगजन भी शामिल हो गए हैं. आंदोलनरत दिव्यांगजन सरकार से रोजगार की मांग के अलावा बढ़ी हुई पेंशन की मांग भी कर रहे हैं. राज्य के चुरू जिले के रहने वाले 32 वर्षीय विजेंद्र सिंह तंवर पिछले करीब 10 साल से नौकरी की तलाश में हैं. दिव्यांगजन तंवर इस समय जयपुर के निशक्त योग्यजन भवन की इमारत के सामने बैठ आंदोलन कर रहे हैं.जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.