यूपी, राजस्थान, कर्नाटक में आज से विधानसभा सत्र की शुरुआत, हंगामे के आसार
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है जबकि कर्नाटक विधानसभा का सत्र चल रहा है. तीनों ही राज्यों का सत्र हंगामेदार रहने वाले हैं. यूपी में कानून व्यवस्था, महंगाई जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की विपक्ष ने तैयारी कर रखी है तो राजस्थान में लंपी वायरस के मुद्दे पर घेरने का प्लान है.
देश के अलग-अलग तीन राज्यों में सोमवार से विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और कर्नाटक की विधानसभा में राजनीतिक तपिश काफी नजर आ रही है. सत्तापक्ष ने शांति से विधानसभा सत्र चलाने का अनुरोध किया है तो महंगाई और कानून-व्यवस्था सहित तमाम मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. ऐसे में विपक्ष की रणनीति को देखते हुए सत्ता पक्ष ने भी कमर कस ली है. इस तरह तीनों ही राज्य के विधानसभाओं में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस नजर आएगी...
यूपी: सदन से सड़क तक हंगामे के आसार
उत्तर प्रदेश के विधानमंडल का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें सरकार कई विधेयक और अनुपूरक बजट पेश करेगी. विपक्ष ने कानून व्यवस्था, लखीमपुर खीरी में दो बालिकाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या, सूखे और बारिश से फसलों को हुए नुकसान, राजधानी के होटल लेवाना सुइट्स में हुए अग्निकांड और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर योगी सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. इस लिहाज से सत्र के दौरान हंगामा होने के आसार हैं.
सूबे में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सदन से लेकर सड़क तक योगी सरकार पर हमलावर रहेगी. अखिलेश यादव के अगुवाई में सपा के सभी विधायक और एमएलसी पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए विधान भवन पहुंचेंगे. इस दौरान उनके हाथों में सरकारी विरोधी नारे लिखीं तख्तियां होंगी. सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कानून व्यवस्था से लेकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और किसानों और आम जनता से जुड़े मुद्दों को सपा सदन में उठाएगी. कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा, बसपा के उमाशंकर सिंह, आरएलजी के राजपाल वालियान और सुभासपा के बेदीराम ने भी मंहगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने का ऐलान किया है.
विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति को देखते हुए सत्तापक्ष ने भी कमर कस रखी है. सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रविवार को बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दे का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर दिया चाहिए. इसके लिए सभी मंत्री और विधायक विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी करके सदन में आएं. सीएम योगी ने कहा कि सदन की कार्यवाही में महिला विधायकों को बोलने का भरपूर मौका मिलना चाहिए.
राजस्थान: गहलोत सरकार को घेरेगी बीजेपी राजस्थान विधानसभा का सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है, जिसमें गहलोत सरकार कई अहम बिल पास पेश करेगी. माना जा रहा है कि ये सत्र छोटा है, लेकिन हंगामेदार रहने वाला है. गहलोत सरकार की कोशिश होगी कि इस सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए, जिसमें स्वास्थ्य का अधिकार, जवाबदेही कानून शामिल है. वहीं, बीजेपी सदन के अंदर से लेकर बाहर तक गहलोत सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. कृषि, पशुपालन और गायों के मुद्दों पर घेरेगी. किसान और गौमाता के जरिए बीजेपी बड़ा आंदोलन चलाकर को सरकार को बैकफुट पर लाना चाहती है, जिसके चलते लंपी वायरस को मुद्दा बनाने का रणनीति है.
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.