याचिकाकर्ता की मौत के बाद कौन लड़ रहा केस? फिर अटका प्रभात गुप्ता मर्डर केस का फैसला जिसमें केंद्रीय मंत्री हैं आरोपी
AajTak
प्रभात गुप्ता हत्याकांड में लखनऊ बेंच ने निर्णय सुनाने से पहले जब दोनों ही पक्षों के वकील बुलाकर कुछ बिंदुओं पर सवाल जवाब किया तो पता चला कि जिस संतोष गुप्ता की रिव्यू पिटीशन पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी उस संतोष गुप्ता की पिटिशन दाखिल होने के 1 साल बाद ही मौत हो गई थी और याचिकाकर्ता की मौत के बाद केस के पैरोकार राजीव गुप्ता की तरफ से कोई वकालतनामा दाखिल ही नहीं किया गया था.
22 साल पहले लखीमपुर के तिकुनिया में हुई प्रभात गुप्ता की हत्या के मामले में एक मामूली चूक से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का फैसला कुछ दिनों के लिए फिर टल गया है. बेंच ने निर्णय सुनाने से पहले जब दोनों ही पक्षों के वकील बुलाकर कुछ बिंदुओं पर सवाल जवाब किया तो पता चला कि जिस संतोष गुप्ता की रिव्यू पिटीशन पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी उस संतोष गुप्ता की पिटिशन दाखिल होने के 1 साल बाद ही मौत हो गई थी और याचिकाकर्ता की मौत के बाद केस के पैरोकार राजीव गुप्ता की तरफ से कोई वकालतनामा दाखिल ही नहीं किया गया था.
22 साल पहले हुई थी प्रभात गुप्ता की हत्या
8 जुलाई साल 2000 को लखीमपुर के तिकुनिया में हुई प्रभात गुप्ता की हत्या के मामले में लोअर कोर्ट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 29 मार्च 2004 को बरी कर दिए गए. लोअर कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की.
रिव्यू पिटिशन देने के बाद प्रभात गुप्ता के पिता की मौत
वहीं प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता ने भी लोअर कोर्ट के निर्णय के खिलाफ 15 मई 2004 को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी.रिव्यू पिटिशन फाइल करने के 1 साल बाद ही वादी मुकदमा संतोष गुप्ता की 20 जुलाई 2005 को मौत हो गई.
साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया जिसके बाद केस शुरू हुआ तो हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में साल 2018 तक सुनवाई चली. बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया लेकिन 6 महीने बाद भी जब फैसला नहीं सुना गया तो राजीव गुप्ता ने रिट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दलील दी कि नियमत 6 महीने तक आर्डर से रिजर्व रखने वाली बेंच केस का फैसला नही सुना सकती है लिहाजा हाईकोर्ट में अब नई बेंच इस केस की सुनवाई करे.
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि BJP बड़े अंतर से जीतेगी. शिवराज ने ये भी कहा कि लोग इस अंतर को देखकर आश्चर्यचकित होंगे. उन्होंने दावा किया कि BJP छिंदवाड़ा सीट भी जीतेगी. उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण के राज्यों में BJP को सफलता मिलेगी.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं. राज्यों की बात करें तो इस बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. केरल में भी बीजेपी का खाता खुलने की उम्मीद है.