
'यहां काम करना मुश्किल...', बेंगलुरु की सड़कों पर गड्ढे और ट्रैफिक जाम से परेशान कंपनी होने जा रही शिफ्ट!
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बेंगलुरु की सड़कों पर गड्ढे और धूल, भारी भीड़ के चलते लगता ट्रैफिक जाम आईटी हब के नाम से मशहूर शहर से कंपनियों के बाहर निकलने की वजह बनता जा रहा है. अब एक बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी ने अपना कार्यालय शिफ्ट करने का ऐलान किया है.
ऑनलाइन ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ब्लैकबक अब अपना बेंगलुरु स्थित कार्यालय बंद करने का फैसला किया है. इसके को-फाउंडर और CEO राजेश याबाजी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कंपनी ने आवागमन और सड़क के बुनियादी ढांचे की समस्याओं का हवाला देते हुए बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर बेलंदूर स्थित अपने स्थान को छोड़ने का फैसला किया है.
CEO ने एक्स पोस्ट में बताई वजह गौरतलब है कि ओआरआर, बेंगलुरु शहर के आईटी कॉरिडोर में से एक है और यहां पर अक्सर यातायात की समस्या बनी रहती है और भारी भीड़भाड़ का सामना करता है. इस तरह के तमाम मुद्दों को उठाते हुए सीईओ राजेश याबाजी ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, 'बेंगलुरु का बेलंदूर पिछले 9 सालों से हमारा कार्यालय और घर रहा है, लेकिन अब यहां काम करना बहुत मुश्किल सा हो गया है, जिसके चलते हमने यहां से जाने का फैसला किया है.'
अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में याबाजी ने आगे लिखा कि मेरी कंपनी में काम करने वाले सहकर्मियों का औसत आवागमन 1.5 घंटे से ज्यादा (एकतरफा) हो गया है. यहां की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं और धूल से भरी रहती हैं, लेकिन सालों से ये हालात होने के बाद भी इन्हें ठीक करवाने की कोई खास इच्छा नजर नहीं आती है. उन्होंने इन परेशानियों और सड़कों के बुरे हाल का हवाला देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि अगले 5 सालों में भी इसमें कोई बदलाव नहीं दिखेगा.
ORR (Bellandur) has been our “office + home” for the last 9 years. But it’s now very-very hard to continue here. 💔 We have decided to move out. Background: - Average commute for my colleagues shot up to 1.5+ hrs (one way) - Roads full of potholes & dust, coupled with lowest…
'सरकार को देना चाहिए दखल' ब्लैकबक ने गड्ढों और भीड़भाड़, ट्रैफिक जाम के चलते अपना कारोबार बेलंदूर से समेटने को फैसला किया है, लेकिन ये एक मात्र ऐसी कंपनी नहीं है, इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. ताजा मामले के बाद ग्रेटर बेंगलुरु आईटी कंपनीज एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव कृष्ण कुमार गौड़ा ने कहा कि एसोसिएशन ओआरआर में बुनियादी ढाांचे की उपेक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त करता है, जिसका उदाहरण धीमी गति से चलने वाला ट्रैफिक, अंतहीन गड्ढे से परेशानी भरी यात्रा और इसमें लगने वाला अविश्वसनीय समय है.
गौड़ा ने अपने बयान में कहा कि इन समस्याओं के चलते प्रमुख कंपनियों का शहर छोड़ने का फैसला सरकारी हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है. हम सड़कों, मेट्रो कनेक्टिविटी और सार्वजनिक उपयोगिताओं में सुधार के लिए एक पारदर्शी रोडमैप की डिमांड करते हैं. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु को भारत की टेक्नोलॉजी कैपिटल के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए हम सरकार और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की इच्छा रखते हैं.













