
यश की 'टॉक्सिक' में हुमा कुरैशी बनीं एलिजाबेथ, सामने आया पहला लुक, फैंस इम्प्रेस्ड
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सुपरस्टार यश की कन्नड़ एक्शन फिल्म 'टॉक्सिक' अगले साल 2026 को ईद पर रिलीज होगी. फिल्म से जुड़े कई अपडेट आ चुके हैं, अब कियारा आडवाणी के पोस्टर के बाद हुमा कुरैशी का लुक भी सामने आ गया है.
कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार 'रॉकी भाई' यानी यश की मचअवेटेड फिल्म 'टॉक्सिक' को लेकर काफी बज बना हुआ है. ये ही वजह है कि फैंस फिल्म के हर अपडेट का इंताजर कर रहे हैं. इस बीच एक्ट्रेस कियारा आडवाणी के बाद अब फिल्म से हुमा कुरैशी का फर्स्ट लुक सामने आ गया है.
किस किरदार में दिखेंगी हुमा? 'टॉक्सिक' के मेकर्स ने इंस्टाग्राम पर हुमा कुरैशी के लुक को जारी किया. इस लुक में हुमा ऑल ब्लैक ड्रेस में नजर आईं. ब्लैक रंग की कार के पास हुमा एक मॉडर्न गाउन पहने खड़ी हैं और पोज दे रही हैं. बैकग्राउंड में एक परी की मूर्ति और कब्रिस्तान नजर आ रहा है. जो देखने में काफी डरावना लग रहा है.
हुमा के लुक को शेयर करते हुए मेकर्स ने कैप्शन में लिखा, 'पेश है टॉक्सिक- फेयरी टेल फॉर ग्रोन-अप्स में एलिजाबेथ के किरदार में हुमा कुरैशी.'
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर हुमा कुरैशी का ये लुक तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कई यूजर्स ने इसे हाई लेवल का सिनेमा बताया. इसके अलावा एक यूजर ने लिखा, 'हॉलीवुड वाइब्स.' वहीं एक यूजर ने लिखा, 'एलिजाबेथ पहले से ही खतरनाक लग रही है. हुमा एक टॉक्सिक परियों की कहानी के लिए एकदम सही कास्टिंग है.'
अंग्रेजी में भी रिलीज होगी फिल्म बता दें कि फिल्म टॉक्सिक का डायरेक्शन गीतू मोहनदास ने संभाला है. यह कन्नड़ सिनेमा का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है.इसके साथ ही यश और मोहनदास की लिखी 'टॉक्सिक' पहली ऐसी इंडियन फिल्म है जिसका लेखन और शूटिंग एक साथ कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बन रही है. साथ ही इसके हिंदी, तेलुगू, तमिल, मलयालम और अन्य भाषाओं में डब वर्जन आएंगे.
कब रिलीज होगी टॉक्सिक? सुपरस्टार यश की 'टॉक्सिक - ए फेयरीटेल फॉर ग्रोन-अप्स' ईद के मौके पर यानी 19 मार्च, 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इसकी सीधी टक्कर रणवीर सिंह की धुरंधर 2 से होगी. देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है.

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान 60 साल के हो गए हैं. जिन्होंने तीन दशकों से ज्यादा समय तक हिंदी सिनेमा पर राज किया. जिनके नाम भर से ही सिनेमा भर जाते हैं. लेकिन उनकी कहानी सिर्फ फिल्मों की नहीं है, बींग ह्यूमन के जरिए उन्होंने शौहरत को इंसानियत से जोड़ा. कभी ईलाज, कभी शिक्षा, हजारों जिंदगियों के लिए उम्मीद बने.












