
मोस्ट वांटेड मर्डर केस: वीरेंद्र की पहली पत्नी ने लवर संग रची साजिश, हत्या में शहाबुद्दीन गैंग का नाम
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बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर हत्याकांड मामले में वीरेंद्र की पत्नी ने पहली पत्नी प्रियंका, प्रियंका के प्रेमी बिट्टू और बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शूटर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. लखनऊ पुलिस इस समय बिहार में है. लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक, जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा किया जाएगा.
लखनऊ में बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या में अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने वाले बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग का नाम सामने आ रहा है. मृतक वीरेंद्र की पत्नी ने 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. इसमें वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसका प्रेमी बिट्टू जायसवाल और शहाबुद्दीन का शूटर फिरदौस शामिल है. मुकदमा दर्ज करके लखनऊ पुलिस बिहार में पहुंची. जांच में सामने आया कि फिरदौस ने ही चार साथियों को भेजकर वीरेंद्र का मर्डर करवाया.
पुलिस ने बताया कि मामला प्रेम-प्रसंग, धोखा और साजिश का है. बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित नरकटियागंज की रहने वाली प्रियंका साल 2008 में शहर के एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ने जाती थी. उस समय वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर का नरकटियागंज सहित पूरे बेतिया पर दबदबा था. प्रियंका की दिल्लगी स्कूल के रास्ते में पान की दुकान लगाने वाले बिट्टू जायसवाल से हो गई. वीरेंद्र भी बिट्टू की दुकान पर जाया करता था, इसलिए वह भी स्कूल टीचर से परिचित हो गया.
प्रियंका से की जबरन शादी पान वाले बिट्टू और प्रियंका की प्रेम कहानी इतनी आगे बढ़ी कि दोनों घर से भाग गए. हालांकि, उस दौरान वीरेंद्र ठाकुर भी आपराधिक मामलों के चलते बिहार से फरार होकर यूपी की राजधानी लखनऊ में रहने लगा था. बिट्टू को लगा कि वीरेंद्र ही उसे पुलिस और प्रियंका के घरवालों से बचा सकता है, इसलिए वह प्रेमिका को लेकर उसकी शरण मे लखनऊ पहुंच गया. वीरेंद्र ने उन्हें पनाह दी. लेकिन कुछ दिन बाद वीरेंद्र की नीयत खराब हो गई और उसने बिट्टू को गालियां देकर घर से भगा दिया. फिर प्रियंका से जबरन शादी कर ली. उसके खौफ से बिट्टू सहम गया और प्रियंका ने भी खामोशी ओढ़ ली. प्रियंका और वीरेंद्र तकरीबन 13 साल साथ रहे और दोनों के 3 बच्चे भी हुए.
फिरदौस की बहन को भी प्रेम जाल में फंसाया
इसी बीच इस कहानी में नया मोड़ आ गया. दरअसल, साल 2015 में बेतिया में रेत खनन का ठेका हथियाने के लिए स्थानीय माफिया रईस खान के इशारे पर गुर्गे फिरदौस ने एक ठेकेदार को गोली मार दी थी. फिरदौस की चचेरी बहन खुशबुन तारा लखनऊ में रहकर पढ़ाई कर रही थी. गोलीकांड के बाद फिरदौस अपनी बहन के पास छिपने आ गया. लेकिन वहां न जाकर उसने वीरेंद्र ठाकुर के घर शरण ले ली. फिरदौस के साथ वीरेंद्र भी अक्सर खुशबुन तारा के पास जाने लगा. वह खुशबुन को पढ़ाई के लिए रुपये देने से लेकर हर तरह से मदद करने लगा. धीरे-धीरे वीरेंद्र ने खुशबुन को प्रेमजाल में फंसा लिया, जिससे फिरदौस काफी नाराज हो गया.
लड़कियों से मिलने पहुंचे वीरेंद्र पर की फायरिंग 2019 में शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस ने वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका को चचेरी बहन खुशबुन और वीरेंद्र के रिश्ते के बारे में बताया. फिर प्रियंका और उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल को भी अपनी तरफ कर लिया. फिरदौस यह जनता था कि लड़कियां वीरेंद्र की कमजोरी हैं. इसके बाद कई लड़कियों से वीडियो चैट करवाकर वीरेंद्र को किसी तरह लखनऊ के चारबाग स्टेशन बुलाया गया. वीरेंद्र की पत्नी प्रियंका भी फिरदौस के संग इस साजिश में शामिल थी. 2 जुलाई 2019 को प्लानिंग के तहत प्रियंका अपने पति वीरेंद्र को लेकर चारबाग पहुंची. वीरेंद्र वहां प्रियंका को एक मॉल के बाहर छोड़कर किसी बहाने से लड़कियों से मिलने के लिए चारबाग स्टेशन पर छोटी लाइन के सामने पहुंचा. वहां पहले से मौजूद फिरदौस और उसके शूटरों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. वीरेंद्र की पीठ पर तीन बुलेट लगीं और वह हमेशा के लिए अपाहिज हो गया.

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