
मॉरीशस सरकार का बड़ा ऐलान, हिंदू कर्मचारियों को 22 जनवरी को मिलेगी 2 घंटे की स्पेशल छुट्टी
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मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ के नेतृत्व में मॉरीशस कैबिनेट ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया है कि कैबिनेट ने सोमवार 22 जनवरी 2024 को दोपहर 2 बजे से दो घंटे की विशेष छुट्टी देने पर सहमति व्यक्त की है. भारत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ये फैसला लिया गया है.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की निगाहे हैं. दुनियाभर में फैले हिंदू आस्था वाले लोग इस दिव्य और भव्य कार्यक्रम का जश्न मनाएंगे. इसी बीच मॉरीशस की सरकार ने एक अहम घोषणा की है. इसके तहत मॉरीशस में 22 जनवरी को हिंदू आस्था वाले अधिकारियों को 2 घंटे की स्पेशल छुट्टी देने की घोषणा की गई है. इस दौरान वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर होने वाले स्थानीय कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे.
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ के नेतृत्व में मॉरीशस कैबिनेट ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया है कि कैबिनेट ने सोमवार 22 जनवरी 2024 को दोपहर 2 बजे से दो घंटे की विशेष छुट्टी देने पर सहमति व्यक्त की है. भारत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ये फैसला लिया गया है. लिहाजा हिंदू आस्था के सार्वजनिक अधिकारी 22 जनवरी को 2 घंटे की स्पेशल छुट्टी पर रहेंगे. बयान में इस बात का भी जिक्र है कि यह ऐतिहासिक घटना है, क्योंकि यह अयोध्या में भगवान राम की वापसी का प्रतीक है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर के गर्भगृह में श्री राम लला की मूर्ति की स्थापना करेंगे. भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए कई नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार यह समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर 7 दिनों तक चलेगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है. वैदिक अनुष्ठान प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होगा. इससे पहले बुधवार को अमेरिका में भारतीय दूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा था कि रामायण विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एक ब्रिज है. यह लोगों को मानवीय रिश्तों की जटिलताओं के साथ ही अच्छे और बुरे के बीच शाश्वत संघर्ष के बारे में सिखाता है. वाशिंगटन डीसी में यूएस कैपिटल हिल में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि कई पीढ़ियों से रामायण की कहानियां प्रसारित की जाती रही हैं. यह कहना मुश्किल है कि कोई उन्हें कब सीखता है.

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