
'मैं स्वराज्य के लिए जीवन नहीं दे पाया, लेकिन सुराज के लिए...', अमेरिका में भारतीयों से बोले पीएम मोदी
AajTak
पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसका जन्म आजादी के बाद हुआ था. आजादी के आंदोलन में करोड़ों भारतीयों ने स्वराज्य के लिए जीवन खपा दिया था. किसी को फांसी का फंदा मिला, किसी को गोलियों से भून दिया गया. कोई यातनाएं सहते हुए जेल में ही गुजर गया. उन्होंने कहा कि हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जरूर जी सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीयों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप सभी मेरे लिए हमेशा से सबसे मजबूत ब्रांड एंबेसडर रहे हैं. मैं आप सभी को राष्ट्रदूत कहता हूं. आपका टैलेंट आपका कमिटमेंट का कोई मुकाबला नहीं है. आप सात समंदर पार भले आ गए हैं लेकिन कोई समंदर इतना गहरा नहीं जो दिल की गहराइयों में बसे हिंदुस्तान को आपसे दूर कर सके. मां भारती ने जो हमें सिखाया है वो हम कभी भी भूल नहीं सकते.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम जहां भी जाते हैं सभी को परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं, डायवर्सिटी को समझना और इसे जीना ये हमारे संस्कारों में हैं, हमारी रगों में हैं. हम उस देश के वासी हैं, जहां दुनिया के सारे मत और पंथ हैं फिर भी हम एक और नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसका जन्म आजादी के बाद हुआ था. आजादी के आंदोलन में करोड़ों भारतीयों ने स्वराज्य के लिए जीवन खपा दिया था. किसी को फांसी का फंदा मिला, किसी को गोलियों से भून दिया गया. कोई यातनाएं सहते हुए जेल में ही गुजर गया. उन्होंने कहा कि हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जरूर जी सकते हैं. मरना हमारा नसीब नहीं था, जीना हमारा नसीब है, पहले दिन से मेरा मन और मिशन एकदम क्लीयर रहा है कि मैं स्वराज्य के लिए जीवन नहीं दे पाया, लेकिन मैंने तय किया सुराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करूंगा.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा रहा जिसमें मैं कई साल तक भटकता रहा, जहां खाना मिला वहां खा लिया, जहां सोने को मिला वहां सो लिया. समंदर के किनारे से लेकर पहाड़ों तक, रेगिस्तान से लेकर बर्फीली चोटियों तक मैं हर क्षेत्र के लोगों से मिला और उनको जाना-समझा. मैंने अपने देश की संस्कृति और चुनौतियों का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस लिया. वो भी एक वक्त था जब मैंने अपनी दिशा कुछ और तय की थी, लेकिन नियति ने मुझे राजनीति में पहुंचा दिया.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







