
'मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत तो यहूदी...', अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायली मंत्री ने कही ऐसी बात, देश में ही घिरे
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इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन गिविर अल-अक्सा मस्जिद को लेकर अक्सर विवादित बयान देते रहे हैं. अब उन्होंने इजरायली सरकार से अलग स्टैंड लेते हुए मांग की है कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों को प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए.
इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता और देश के सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-गिविर इसी महीने सैकड़ों यहूदियों के साथ अल-अक्सा मस्जिद में घुसे थे. मस्जिद में यहूदियों के प्रार्थना पर प्रतिबंध के बावजूद उन्होंने वहां प्रार्थना की थी. उन्होंने एक बार फिर अल अक्सा मस्जिद को लेकर एक बयान दिया है जिस पर विवाद हो रहा है. उन्होंने मांग की है कि मस्जिद परिसर में यहूदियों को प्रार्थना करने का अधिकार दिया जाए.
इजरायल के Army Radio से बातचीत में बेन गिविर ने कहा, 'टेम्पल माउंट (अल-अक्सा मस्जिद परिसर को यहूदी टेम्पल माउंट कहते हैं) की नीति हमें वहां प्रार्थना करने की अनुमति देती है. प्रधानमंत्री को पता था कि जब मैं सरकार में शामिल हुआ तो मेरे साथ इस तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. मुसलमानों को वहां नमाज पढ़ने की अनुमति है तो एक यहूदी को ऐसा करने की क्यों नहीं?'
इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि अगर संभव हुआ तो क्या वो अल-अक्सा मस्जिद परिसर में सिनेगॉग (यहूदियों का प्रार्थना स्थल) का निर्माण करेंगे जिसके जवाब में बेन गिविर ने 'हां' कहा.
इंटरव्यू के तुरंत बाद पीएम नेतन्याहू के ऑफिस का बयान
बेन गिविर के इस इंटरव्यू के तुरंत बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी कर अल-अक्सा मस्जिद की स्थिति पर स्पष्टीकरण जारी किया गया. बयान में कहा गया कि कार्यालय मस्जिद परिसर में गैर-मुस्लिमों के प्रार्थना करने पर लगे दशकों पुराने प्रतिबंध को स्वीकार करता है.
नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से कहा गया, 'टेम्पल माउंट पर यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.'

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