
मुआवजा न मिलने पर जिलाधिकारी की कुर्सी जब्त करने पहुंचा किसान, कोर्ट का आदेश दिखाया तो मचा हड़कंप
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मुआवजा न मिलने पर महाराष्ट्र का एक किसान मजदूरों को लेकर डीएम की कुर्सी और ऑफिस का सामान जब्त करने पहुंच गया. डीएम ने जब किसान के हाथों में कोर्ट का आदेश देखा तो उनके ऑफिस में हड़कंप मच गया. इसके बाद डीएम ने किसान को बाहर इंतजार करने को कहा. शाम तक इंतजार कराया और इसके बाद स्टे ले लिया.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक किसान मजदूरों को लेकर जिलाधिकारी की कुर्सी, टेबल, अलमारी, AC, कंप्यूटर व अन्य सामान जब्त करने पहुंच गया. किसान के पास सामान जब्त करने के लिए कोर्ट का आदेश था. किसान जब जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा तो हड़कंप मच गया. किसान कार्यालय में न घुस पाए, वहां इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी थी.
दरअसल, चंद्रपुर जिले के वरोरा में रहने वाले किसान मुस्तफा बोहरा की जमीन प्रशासन की ओर से MIDC के लिए अधिग्रहित की गई थी. इसके बदले किसान मुस्तफा को मुआवजे के तौर पर करीब 9 लाख रुपए मिलने थे, लेकिन सात साल बीतने पर भी प्रशासन की ओर से किसान को मुआवजा नहीं दिया गया. हर बार किसान को कोई न कोई वजह बताकर वापस भेज दिया जाता था.
इसके बाद किसान मुस्तफा ने इस मामले को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई और प्रशासन के खिलाफ कोर्ट में केस दायर कर दिया. किसान का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामान को जब्त करने का आदेश जारी कर दिया.
किसान को जैसे ही कोर्ट का आदेश मिला तो वह अपने साथ मजदूर, इलेक्ट्रीशियन और ट्रक लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गया और जिलाधिकारी को कोर्ट का आदेश दिखाया. किसान ने कहा कि या तो मुआवजे की रकम दो, अन्यथा कोर्ट के आदेश के मुताबिक जब्ती करने दो.
पुलिस ने मजदूरों को गेट के अंदर नहीं घुसने दिया
इस दौरान अपनी कुर्सी खतरे में देख जिलाधिकारी विनय गौड़ ने किसान को समझाते हुए कुछ देर इंतजार करने को कहा और कोर्ट के आदेश पर स्टे लाने में जुट गए. इस दौरान पुलिस ने किसान और उसके साथ आए मजदूरों को कार्यालय के गेट के भीतर ही नहीं घुसने दिया.

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