मुंबई: पेट्रोल पंप की वजह से गैस कटर का इस्तेमाल नहीं, 21 घंटे बाद भी रेस्क्यू में आ रही दिक्कत
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मुंबई में सोमवार को अचानक धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश की वजह से घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर विशाल होर्डिंग गिर गया, जिसके नीचे 100 लोगों के दबे होने की आशंका है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ टीम के एक अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल पंप की वजह से टीम गैस कटर का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है. जिसकी वजह से वक्त लग रहा है.
मुंबई के घाटकोपर में सोमवार को तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के कारण एक विशाल बिलबोर्ड गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई और 75 लोग घायल हो गए. बिलबोर्ड गिरने के लगभग 21 घंटे बाद भी एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है.
मुंबई बिलबोर्ड गिरने के मामले में ताजा जानकारी साझा करते हुए एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट निखिल मुधोलकर ने बताया कि घटना स्थल पर गैसोलीन से चलने वाले कटर का उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि घटना स्थल एक पेट्रोल पंप है. इस लिए गैस कटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
अब तक 89 लोगों को किया रेस्क्यू: NDRF
मंगलवार को एक अधिकारी ने बताया कि बिलबोर्ड के नीचे से अब तक 89 लोगों को निकाला जा चुका है, जिसमें से 14 लोगों की मौत हो गई है और 75 लोग घायल हैं. सभी घायलों को मुंबई और पास के जिले ठाणे के छह अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
वहीं, 75 घायलों व्यक्तियों में से अब तक 32 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. इनमें से पच्चीस लोगों को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 4 लोक एमजे अस्पताल और तीन को जोगेश्वरी के एचबीटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है कि राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है.
बीएमसी अधिकारी के मुताबिक, राहत और बचाव ऑपरेशन में दो जेसीबी, दो गैस कटर टीम, 25 एम्बुलेंस के साथ दो हेवी ड्यूटी क्रेन और दो हाइड्रा क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 125 से अधिक कर्मचारी, 75 बीएमसी से संबंधित और 50 मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के कर्मचारी लगे हुए हैं.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.