मिलिए बेंगलुरु के ‘मोबाइल डॉक्टर’ से, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कार को ही बनाया क्लीनिक
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डॉ. हेब्बी ने अपनी कार को इमरजेंसी दवाएं, मेडिकल उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर, ईसीजी मशीन आदि से लैस कर रखा है. डॉ. हेब्बी ने आजतक से बातचीत में कहा कि छोटे गांव से ताल्लुक रखने की वजह से हेल्थकेयर तक आसान पहुंच न होने के दर्द को वे अच्छी तरह जानते हैं.
पिछले 20 दिन से डॉ. सुनील कुमार हेब्बी बेहद व्यस्त हैं कारण ये है कि उन्होंने अपनी ही कार को मोबाइल क्लीनिक में बदल दिया है. बेंगलुरु में इसी मोबाइल क्लीनिक के जरिए कोविड और गैर-कोविड, दोनों तरह के मरीजों का इलाज करते हैं. आसपास के लोग इन्हें अब मोबाइल डॉक्टर के नाम से भी लोग जानने लगे हैं. डॉ हेब्बी मूल तौर पर विजयपुर जिले के नामादापुरा से ताल्लुक रखते हैं. 37 साल के डॉ हेब्बी ने बीजापुर मेडिकल कॉलेज से 2007 में MBBS की डिग्री ली. वे बेंगलुरु में BBMP कोविड क्लीनिक में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कॉन्ट्रेक्ट पर सर्विस करते हैं. सुबह भी चंद घंटे ही सो पाते हैं क्योंकि उनके मोबाइल पर मरीजों के कॉल और वॉट्सऐप मैसेज आने लगते हैं. फिर वे मोबाइल क्लीनिक से लोगों के इलाज के लिए निकल पड़ते हैं. डॉ. हेब्बी ने अपनी कार को इमरजेंसी दवाएं, मेडिकल उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर, ईसीजी मशीन आदि से लैस कर रखा है. डॉ. हेब्बी ने आजतक से बातचीत में कहा कि छोटे गांव से ताल्लुक रखने की वजह से हेल्थकेयर तक आसान पहुंच न होने के दर्द को वे अच्छी तरह जानते हैं.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.