महाराष्ट्र: भीड़ वाली जेलों से 'पैठन ओपन जेल' में कैदियों को किया जाए ट्रांसफर- कोर्ट
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कैदियों से जुड़ी एक याचिका पर कोर्ट ने कहा कि ये सही बात है कि पैठन जेल के रोजमर्रा के काम के लिए, खेती-बाड़ी और पशुओं की देख रेख के लिए कैदियों की जरूरत है. इस समस्या से निपटने के लिए कैदियों के ट्रांसफर किए जा सकते हैं ताकि जहां भीड़ ज्यादा है वहां से इन कैदियों को उन जेलों में ट्रांसफर कर दिया जाए जहां भीड़ कम है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने राज्य सरकार से कहा है कि वो अधिक भीड़ वाली जेलों से कैदियों को 'पैठन ओपन जेल' में ट्रांसफर कर दे. औरंगाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस बालचंद्र और जस्टिस रविंद्र वी घुगे की डिविजन बेंच पैठन ओपन जेल के कैदियों की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में पैठन ओपन जेल के कैदियों ने आपातकालीन पैरोल की मांग की थी. अदालत ने नौ में से आठ कैदियों की छुट्टियों को मंजूरी दे दी. लेकिन एक कैदी की पैरोल की अनुमति नहीं दी क्योंकि उसने कुछ ही दिन पहले पैरोल ली थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पैठन कोर्ट में मात्र 41 कैदी हैं जबकि उसकी क्षमता 500 कैदियों की है. दूसरी तरफ बाकी राज्य की बाकी जेलों की हालत ऐसी है कि क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं. पैठन ओपन जेल 827 एकड़ में फैली हुई है. इसमें से 325 एकड़ क्षेत्र में गन्ने और बाकी चीजों की खेती होती है. कृषि कार्यों के लिए 220 मवेशियों का उपयोग किया जाता है. जिनकी देखभाल भी कैदी ही करते हैं.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.