
महाकुंभ में कैसे होती है करोड़ों लोगों की गिनती, पहले से कितनी अलग क्राउड असेसमेंट की ये तकनीक
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महाकुंभ में आने वाली भीड़ की तस्वीरों से लोगों का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में सटीक अनुमान के लिए मेला क्षेत्र में AI बेस्ड हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को भी मापा जाता है और कुल एरिया के हिसाब से लोगों की गिनती की जाती है.
प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. बीते दो दिनों की ही बात करें तो अब तक 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ मेले में आ चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. लेकिन कुंभ में आने वाली इतनी भारी भीड़ की गिनती आखिर कैसे होती है. साथ ही यह सिर्फ अनुमान है या फिर इसके पीछे किसी सटीक मैथड का भी इस्तेमाल किया जाता है. तो आज आपको बताते हैं कि आखिर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कहे जाने वाले कुंभ में लोगों की गिनती करने के लिए क्या-क्या तकनीक अपनाई जाती रही हैं.
कैसे हो रही भीड़ की गिनती
महाकुंभ 2025 की बात करें तो इस बार का कुंभ बेहद खास है क्योंकि हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
सरकार ने महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है और इस टीम का नाम है क्राउड असेसमेंट टीम. यह टीम रियल टाइम बेसिस पर महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कर रही है और इसके लिए ऐसे खास कैमरों की मदद ली जा रही है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों की गिनती कर रहे हैं. लोगों को स्कैन कर रहे हैं, यह कैमरे महाकुंभ में आने वाले लोगों के चेहरों को स्कैन करते हैं और वहां मौजूद भीड़ के हिसाब से यह अनुमान लगाते हैं कि कितने घंटे में कितने लाख लोग महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आए हैं. इस समय महाकुंभ के पूरे मेला क्षेत्र में ऐसे 1800 कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा यही टीम लोगों की गिनती करने के लिए ड्रोन की मदद ले रही है जिनसे एक निश्चित क्षेत्र में भीड़ के घनत्व को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि एक दिन में कितने लोग महाकुंभ के आयोजन में शामिल हो रहे हैं. कितने लोगों ने संगम में स्नान किया है.
ड्रोन और AI तकनीक की मदद
महाकुंभ में आने वाली भीड़ की तस्वीरों से लोगों का अंदाजा लगाना मुश्किल है. ऐसे में सटीक अनुमान के लिए AI बेस्ड हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं, वो 360 डिग्री कैमरे हैं. इस तरह के कैमरे पूरे मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं, जिनमें 1100 फिक्स्ड कैमरे हैं और करीब 744 अस्थाई कैमरे हैं. पूरे मिला क्षेत्र में लगे इन कैमरों के जरिए ही क्राउड की गिनती की जा रही है. AI बेस्ड ये कैमरे डेंसिटी प्रति स्क्वायर मीटर में लोगों को कैलकुलेट करते हैं और कुल एरिया के हिसाब से लोगों को कैलकुलेट करते हैं.

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