ममता का केंद्र पर पलटवार- बकाया क्लियर कर दें तो 5 साल तक नहीं लगाएंगे पेट्रोल-डीजल पर टैक्स
AajTak
भारत में पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल डीजल के दाम तेजी से बढ़े हैं. इसके चलते लोगों को महंगाई का भी सामना करना पड़ रहा है. पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती की भी मांग की जा रही है. इन सबके बीच पीएम मोदी ने राज्यों से पेट्रोल डीजल पर वसूले जा रहे वैट को कम करने की अपील की. पीएम मोदी के इस बयान के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर हालिया बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा, उनकी सरकार पिछले तीन साल में पेट्रोल डीजल की कीमतों को काबू में रखने के लिए 1,500 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों से पेट्रोल डीजल से वैट कम करने की अपील की थी, ताकि जनता को महंगाई से कुछ राहत मिल सके.
ममता ने कहा- पीएम मोदी का बयान गुमराह करने वाला
ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा, पीएम मोदी का बयान एक तरफा और गुमराह करने वाला था. उनके द्वारा शेयर किए गए फैक्ट गलत हैं. हम पिछले तीन साल से पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी दे रहे हैं. इसके लिए हमने पिछले तीन साल में 1500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
ममता बनर्जी ने कहा, पीएम मोदी राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने के लिए कह रहे हैं. हमारा केंद्र पर 97,000 करोड़ रुपए बकाया है. अगर सरकार इसका आधा भी चुका देती है, तो हम टैक्स घटा देंगे. ममता ने कहा, सरकार के बकाया चुकाते ही हम पेट्रोल और डीजल पर 3000 करोड़ रुपए की सब्सिडी देंगे. मुझे सब्सिडी देने में कोई परेशानी नहीं है. लेकिन मैं अपनी सरकार कैसे चलाऊंगी.
5 साल तक टैक्स नहीं लेगी सरकार- टीएमसी
पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने एक्शन लेते हुए आरोपी नाबालिग की मां को भी हिरासत में ले लिया है. नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने बेटे के ब्लड सैंपल से ना केवल छेड़छाड़ की थी बल्कि इसे बदल भी दिया था. जैसे ही यह खबर सामने आई तो शिवानी अंडरग्राउंड हो गई. फाइनली पुणे पुलिस ने उसे खोज निकाला है. वह कल रात वह मुंबई से पुणे आई थी. गिरफ्तारी की औपचारिकताएं जल्द ही पूरी होंगी.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.