मध्य प्रदेश: बसपा और जीजीपी ने किया गठबंधन, दोनों पार्टियों में ऐसे हुआ सीटों का बंटवारा
AajTak
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने शनिवार को राज्य में होने वाले चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा कर दी. बसपा के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और जीजीपी के महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बसपा 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जीजीपी 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
इसी साल होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं. इस कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने शनिवार को राज्य में होने वाले चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा कर दी. बसपा के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और जीजीपी के महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बसपा 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जीजीपी 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक दोनों नेताओं ने कहा, "दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार को खत्म करने के लिए इस गठबंधन की सरकार बनेगी. यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के तानाशाही और पूंजीवादी शासन को भी खत्म करेगी और गरीबों को न्याय मिलेगा."
बता दें कि 230 सीटों वाले मध्य प्रदेश में नवंबर में चुनाव होने हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों में बसपा ने दो सीटें जीती थीं और दो विधायकों में से एक बाद में बीजेपी में शामिल हो गया था. वहीं जीजीपी का गठन करीब तीन दशक पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में एक आदिवासी संगठन के रूप में हुआ था. 1998 में इसने विधानसभा में एक सीट जीती. 2003 में इसने तीन विधानसभा सीटें जीतीं, जो अब तक का इसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार रशीद किदवई ने कहा कि 1991 में गठित जीजीपी अनिश्चित भविष्य की ओर देख रही है. 2003 के विधानसभा चुनावों में इसने जबरदस्त क्षमता दिखाई थी, लेकिन 2008 और 2013 में यह व्यक्तिगत नेताओं के पलायन और समझौतों से त्रस्त थी. 2018 के चुनाव में उसने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था. बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी वाले राज्य में इसे अब आदिवासियों की पार्टी नहीं माना जाता है.

पांच दिनों से जारी बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द और देरी के बाद DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरास को 24 घंटे में जवाब देने का नोटिस भेजा है. इंडिगो ने कहा कि नेटवर्क रीबूट के लिए उड़ानें कम करनी पड़ीं, लेकिन अब 95% कनेक्टिविटी बहाल हो चुकी है. एयरलाइन ने यात्रियों से माफी मांगी है.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.











