
मणिपुर में 140 से ज्यादा हथियार सरेंडर, कई हिस्सों में शांति बहाल... अमित शाह की अपील का दिखा बड़ा असर!
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मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील का असर एक दिन बाद ही दिखने लगा. प्रदेश में शुक्रवार को अलग-अलग जगहों पर 140 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए गए हैं. शाह ने गुरुवार को अपील की थी कि लोग अपने हथियार सुरक्षा बलों और प्रशासन को सौंप दें. हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि राज्य में जल्द ही तलाशी शुरू की जाएगी. अगर किसी के पास कोई हथियार पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मणिपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील का असर एक दिन बाद ही दिखने लगा. मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि प्रदेश में शुक्रवार को अलग-अलग जगहों पर 140 से ज्यादा हथियार और 11 मैगजीन सरेंडर किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक हथियारों में सेल्फ-लोडिंग राइफलें, कार्बाइन, एके और इंसास राइफलें, लाइट मशीन गन, पिस्तौल, एम-16 राइफल, स्मोक गन/आंसू गैस, स्टेन गन और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं. शाह ने मणिपुर के अपने दौरे के आखिरी दिन गुरुवार को लोगों से अपील की थी कि वे अपने हथियार सुरक्षा बलों और प्रशासन को सौंप दें.
हालात पर काबू पाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स की करीब 140 टुकड़ियां पूर्वोत्तर के राज्य में स्थिति सामान्य करने के प्रयास में जुटी हैं. हर टुकड़ी में 10,000 कर्मी होते हैं. इसके अलावा अन्य अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है.
हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि राज्य में जल्द ही तलाशी शुरू की जाएगी. अगर किसी के पास कोई हथियार पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शाह ने कहा था कि मणिपुर में ज्यादातर जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है. उपद्रवियों द्वारा खाली घरों में फायरिंग या आगजनी की छिटपुट घटनाएं ही देखने को मिल रही हैं क्योंकि हिंसा रोकने के लिए कई सुरक्षा एजेंसियां पूरी कोशिश कर रही हैं.
सरकार ने मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए बड़ा एलान किया है. इस मामले में केंद्र और मणिपुर सरकार पीड़ित परिवार के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी.अमित शाह और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के बीच बीते सोमवार को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
अमित शाह ने गुरुवार को घोषणा की थी कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा. शाह ने कहा था,‘हिंसा होने के कारण क्या हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार है…इन सभी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किया जाएगा.’

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