
मणिपुर में सेना के जवान की हत्या ने पकड़ा तूल, राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश
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भारतीय सेना के जवान की हत्या के पीछे का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है. इससे पहले दिन में, बड़ी संख्या में लोगों ने थांगथांग कोम की हत्या के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किया. इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मृतक के निकटतम परिजन को उपयुक्त सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है.
मणिपुर राज्यपाल ने सोमवार को भारतीय सेना के एक जवान सर्टो थांगथांग कोम की सशस्त्र हमले में मौत के तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए मणिपुर के पुलिस महानिरीक्षक (जोन-1) थेमथिंग नगाशांगवा द्वारा एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया. इसे लेकर जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर शासन को सौंपनी है. भारतीय सेना के जवान की हत्या मणिपुर में लगातार जारी हिंसा के बीच हुई है, जबकि कोम यूनियन मणिपुर (केयूएम) ने अपना आह्वान दोहराया है कि वे हमेशा कोम जनजाति के रूप में बने रहेंगे और अपने समुदाय के लोगों से तटस्थ रहने और इसमें शामिल नहीं होने का आग्रह किया है.
जवान की हत्या के पीछे का मकसद नहीं आया सामने हालांकि, भारतीय सेना के जवान की हत्या के पीछे का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है. इससे पहले दिन में, बड़ी संख्या में लोगों ने थांगथांग कोम की हत्या के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किया. इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मृतक के निकटतम परिजन को उपयुक्त सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है. अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने शनिवार को सिपाही सर्टो थांगथांग कोम का इम्फाल पश्चिम के हैप्पी वैली इलाके में तारुंग, नेइकानलोंग स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया, जब वह छुट्टी पर थे.
मारे गए जवान के परिवार को दी जाएगी नौकरी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी अल्पसंख्यक कोम समुदाय को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार मारे गए सेना जवान सेर्टो थांगथांग के परिवार के एक सदस्य को उपयुक्त सरकारी नौकरी प्रदान करेगी. सिंह ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उन कॉम बसे गांवों को अतिरिक्त सुरक्षा बल प्रदान करेगी और न्याय देने के लिए अपराध के दौरान शामिल अपराधियों पर मामला दर्ज करेगी. इससे पहले, उसी समुदाय से आने वाली दिग्गज मुक्केबाज मैरी कॉम ने एचएम अमित शाह को पत्र लिखकर मणिपुर में कॉम समुदाय के लिए सुरक्षा की मांग की थी.
16 सितंबर को हुआ था अपहरण, फिर हत्या 16 सितंबर 2023 को सुबह लगभग 10:00 बजे सिपाही सर्टो का उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. उनका 10 वर्षीय बेटा इस पूरी आपराधिक वारदात का प्रत्यक्षदर्शी है. बेटे ने कहा कि तीन बदमाश घर में घुस आए. उस समय पिता और पुत्र बरामदे में काम कर रहे थे. बदमाशों ने उनके पिता के सिर पर पिस्तौल रख कर उन्हें जबरन एक सफेद रंग की गाड़ी में बैठा लिया और अपने साथ लेकर चले गये. इसके बाद सुबह तक उस जांबाज की कोई खबर नहीं मिली. अगले दिन सुबह करीब 9:30 बजे उनका शव इंफाल पूर्व के सोगोलमांग पुलिस स्टेशन के तहत मोंगजाम के पूर्व खुनिंगथेक गांव में पाया गया. उनकी पहचान की पुष्टि उनके भाई और बहनोई ने की, जिन्होंने कहा कि सैनिक की हत्या उसके सिर में एक ही गोली मारकर की गई थी.

अभियोजन पक्ष ने 14 सितंबर को अदालत को सूचना दी थी कि मामले में साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह से पूछताछ की जरूरत नहीं है. एक बार साक्ष्य की रिकॉर्डिंग पूरी हो जाने के बाद, अदालत आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपी के बयान दर्ज करती है.