'मटका मैन' को सलाम: कैंसर को हराया, अब चुभती गर्मी में हजारों लोगों की बुझा रहे प्यास
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Delhi News: दिल्ली के 'मटका मैन' की नेकी को सलाम! मटका मैन यानी अलग नटराजन... पूरी दिल्ली उन्हें इसी नाम से जानती है. वह भीषण गर्मी में हर दिन हजारों लोगों की प्यास बुझाने का काम करते हैं.
Delhi News: दिल्ली के पंचशील पार्क इलाके में रहने वाले अलग नटराजन नेक काम में जुटे हुए हैं. वह भीषण गर्मी में हर दिन हजारों लोगों की प्यास बुझाने का काम करते हैं. इस नेक काम के लिए वह सुबह चार बजे उठ कर मटकों में पानी भर कर साउथ दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में रखते हैं ताकि लोगों की प्यास बुझ सके. फिलहाल, गर्मी ज्यादा होने के कारण वह रोज 5 से 6 हजार लीटर पानी लोगों में बांट रहे हैं. अगल नटराजन की उम्र 76 साल है.
अलग नटराजन रिटायर्ड इंजीनियर हैं. उन्होंने 32 साल विदेश में रह कर बतौर इंजीनियर वहां पर काम किया है. 2005 में रिटायर होने के बाद उन्होंने यूके से स्वदेश लौटने का फैसला लिया. भारत लौटने के बाद वह इंटेस्टाइनल कैंसर से ग्रसित हो गए. कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही उन्हें लगा जैसे सब कुछ खत्म हो चुका है.
लेकिन उनकी इच्छा शक्ति और लोगों की मदद करने की चाह ने उन्हें मौत के मुंह से वापस खींच लाया. उन्होंने सफलतापूर्वक कैंसर को मात दी. उस दिन उन्होंने कैंसर अस्पताल में अपनी सेवाएं दी और उसके बाद एक एनजीओ से जुड़ गए. वह स्वतंत्र रूप से लोगों की सेवा करना चाहते थे इसलिए उन्होंने सोचा कि अब वह अब खुद ही बेड़ा उठा कर लोगों की मदद करेंगे.
अलग नटराजन को एक दिन विचार आया कि वह फ्री में लोगों को पानी पिला कर समाज में नेक काम की शुरुआत करेंगे. बस फिर क्या था उन्होंने मटके खरीदे और चल पड़े लोगों की प्यास बुझाने. 2013 में सबको पानी पिलाने का नेक काम शुरू करते हुए अलग नटराजन ने शायद ही यह सोचा होगा कि एक दिन उनका नाम 'दिल्ली का मटका मैन' हो जाएगा. दरअसल, उनकी बेटी ने अपने जन्मदिन पर उन्हें ये नाम दिया और दिल्ली में वे इसी नाम से मशहूर हो गए.
अगल नटराजन का कहना है कि, "मैं इस काम को बतौर सामाजिक कार्य के तौर पर नहीं करता बल्कि इसलिए करता हूं क्योंकि मेरे लिए मानवता ही सबसे पहले है."
दक्षिण दिल्ली में अलग नटराजन अब तक 100 से ज्यादा मटके लगा चुके हैं. रोज उनमें पानी भरते हैं ताकि हर किसी को पीने का पानी मिले. बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड ने उन्हें पानी का एक्सेस दे दिया है, लेकिन अलग नटराजन अकेले ही काम करना पसंद करते हैं. पेंशन, लाइफ सेविंग्स और कुछ दिल्ली वालों के डोनेशन की मदद से नटराजन लोगों को 365 दिन पीने का पानी मुहैया करवा रहे हैं. कोरोना काल के दौरान भी जब लोग घर से बाहर निकलने को डरते थे. तब भी उन्होंने अपनी इस मुहिम को जारी रखा.
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