'भ्रष्टाचार का पता है 10 जनपथ', देखें Gandhi परिवार पर कैसे बरसे Sambit Patra
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फ्रांस के साथ हुई राफेल डील को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है. फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस डील के लिए दसॉ एविएशन ने सुशेन गुप्ता नाम के बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो (65 करोड़ रुपये) दिए. इस पर अब बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. राफेल डील को लेकर हुए इस खुलासे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार को घेरा है. इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कमीशनखोरी की है. पात्रा ने कहा कि कौन कहता है कि भ्रष्टाचार का पता नहीं होता है. भ्रष्टाचार का पता है 10 जनपथ. जबसे बीजेपी आई है तब से भ्रष्टाचार बेघर हो गया है और गांधी परिवार बेबस हो गया है. देखिए ये वीडियो.
डीसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) वीरेंद्र विज ने बताया कि शिक्षक संजू वर्मा ने लड़की को पहले इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद आरोपी शिक्षक ने ऐप पर उसे "अश्लील" मैसेज भेजने शुरू कर दिए. मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.