भिंडरावाले से तुलना, खालिस्तान की डिमांड और अजनाला कांड... कौन है अमृतपाल सिंह जिसे पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया
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पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बने अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. राज्य की पुलिस अब उसकी तलाश में सरगर्मी से छापेमारी कर रही है. पुलिस ने उसके समर्थकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. बताया गया है कि अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है. अमृतपाल सिंह खालिस्तान की मांग उठा रहा है और अजनाला कांड के बाद पुलिस की रडार पर आया है.
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. जल्द ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी दिखाने की तैयारी में है. पुलिस पिछले कुछ दिन से उसकी तलाश कर रही थी. अमृतसर के अजनाला कांड के बाद पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं थीं और तेजी से शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. पहले अमृतपाल के समर्थकों पर एक्शन लिया गया, उसके बाद अब अमृतपाल की सरगर्मी से तलाश की जा रही है और ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं. पंजाब के कुछ जिलों में रविवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं. इस दौरान पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे हथियार और 2 गाड़ियां बरामद की हैं. अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं, इनमें 2 हेट स्पीच के संबंधित हैं. सूत्रों के मुताबिक, धर्मकोट के नजदीक महितपुर थाने के पास पुलिस ने ये 6 गिरफ्तारियां की हैं. जानिए अमृतपाल सिंह के बारे में...
अमृतपाल (30 साल) 'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) का प्रमुख है. पंजाब में पिछले कुछ दिन से उसे जरनैल सिंह भिंडरा वाले-2.0 तक कहा जा रहा है. बता दें कि भिंडरा वाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई थी और पूरे पंजाब में कोहराम मचा दिया था. ठीक उसी तरह अमृतपाल सिंह सिर पर तुलनात्मक रूप से भारी पगड़ी बांधता है और भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल गरम कर देता है.
अमृतपाल की भिंडरावाले से तुलना क्यों?
29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी प्रोग्राम में अमृतपाल को संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. माना जाता है कि कार्यक्रम स्थल का चयन काफी रणनीतिक था, क्योंकि यह जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. भिंडरावाले की तरह अमृतपाल भी नीली गोल पगड़ी पहनता है. अपने सफेद कपड़ों में एक छोटी कृपाण रखता है और भड़काऊ भाषण भी देता है, इससे कट्टरपंथी सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है.
अमृतपाल सिंह जो संगठन 'वारिस पंजाब दे' संचालित करता है, वो एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. बाद में 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. दीप सिद्धू किसान आंदोलन में सक्रिय रहा और लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने से चर्चा में आया था. दीप सिद्धू के निधन के बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया. उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया.
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