
'भारत से आए मिलिटरी प्लेन हैं, लेकिन पायलटों को उड़ाना नहीं आता...', इंडियन सैनिकों के लौटते ही निकली मालदीव की हेकड़ी
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मालदीव के राष्ट्रपति भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के लिए आतुर थे और अब सभी भारतीय सैनिक वापस आ गए हैं. सैनिकों की वापसी के कुछ दिनों बाद ही मालदीव ने कहा है कि उसके सैनिकों के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वो भारत के दिए हेलिकॉप्टर और विमान उड़ा सकें.
भारतीय सैनिकों की वापसी के कुछ दिनों बाद, मालदीव ने यह बात स्वीकार की है कि उसके सैनिकों के पास भारत की तरफ से दिए गए तीन विमानों के संचालन की क्षमता नहीं है. रविवार को स्थानीय मीडिया में द्वीप देश के रक्षा मंत्री घासन मौमून के हवाले से ये खबर प्रकाशित की गई है. मौमून का कहना है कि मालदीव के सैनिकों ने विमान चलाने की ट्रेनिंग शुरू की थी लेकिन वो इसे पूरा नहीं कर पाए थे और अब हालत ये है कि उनका एक भी सैनिक ऐसा नहीं है जो भारत की तरफ से दिए गए विमानों का संचालन कर सके.
मालदीव के न्यूज प्लेटफॉर्म अधाधु की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौमून ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के पास 'अभी भी विमान चलाने में सक्षम सैनिक नहीं हैं.'
एक सवाल का जवाब देते हुए, मौमून ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान हुए समझौते के तहत कुछ सैनिकों ने भारत की तरफ से मिले एक डोर्नियर विमान और दो हेलिकॉप्टरों को उड़ाने की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी. लेकिन अब भी कोई ऐसा सैनिक नहीं है जो इन विमानों को उड़ा सके.
उन्होंने कहा, 'चूंकि यह एक ट्रेनिंग थी जिसमें कई चरणों को पार करना जरूरी था, हमारे सैनिक अलग-अलग कारणों से उसे पूरा नहीं कर पाए थे. इसलिए, इस समय हमारी सेना में कोई भी ऐसा सैनिक नहीं है जिसके पास एएचएल विमानों और डोर्नियर को उड़ाने के लिए लाइसेंस हो या फिर वो पूरी तरह से विमान उड़ाने में सक्षम हो.
हालांकि, जब मुइज्जू विपक्ष में थे तब उनकी पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछली सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि मालदीव की सेना में सक्षम पायलट हैं लेकिन फिर भी विमान उड़ाने के लिए भारतीय सैनिकों को रखा गया है. लेकिन अब उनकी ही सरकार के मंत्री ने उनकी पोल खोल दी है.
भारतीय सेना लौटी, मालदीव की सेना सक्षम नहीं फिर कौन उड़ा रहा विमान?

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