
भारत सामान भेजना बंद कर दे तो? तेवर दिखा रहे बांग्लादेश की अकड़ हुई कम, कहा- चाहे वो हमें...
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बांग्लादेश के नेता सालेहुद्दीन अहमद ने कहा है कि राजनीतिक तनाव का असर भारत-बांग्लादेश व्यापार पर नहीं होगा. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश गुणवत्ता और कीमतों को आधार बनाकर ही किसी भी देश के साथ व्यापार करेगा, इसमें राजनीति आड़े नहीं आएगी.
भारत और बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा है कि राजनीति की वजह से भारत के साथ हो रहे व्यापार पर असर नहीं होगा. बुधवार को अहमद ने कहा कि अपेक्षाकृत सस्ती कीमतों और अच्छी गुणवत्ता का सामान जहां से भी मिलेगा, बांग्लादेश उसे खरीदेगा.
भारत की तरफ से कुछ नेताओं ने मांग की है कि बांग्लादेश को भारत की तरफ से किया जाने वाला निर्यात रोका जाना चाहिए.
अगस्त के महीने में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना सरकार के पतन और उनके भारत भाग आने के बाद से भारत-बांग्लादेश में तनाव की स्थिति बनी हुई है. आंदोलन के दौरान बांग्लादेश के धार्मिक कट्टरपंथियों ने हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया था और अभी भी यह स्थिति बरकरार है. हाल ही में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी कर ली गई जिस पर भारत ने चिंता जताई है.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलो को लेकर भारत में बांग्लादेश से व्यापार रोकने की मांग हो रही है. इसे देखते हुए आर्थिक मामलों पर सलाहकार परिषद समिति (ACCEA) और सरकारी खरीद पर सलाहकार परिषद समिति (ACCGP) की बैठकों के बाद सालेहुद्दीन ने कहा, 'हम प्रतिस्पर्धी कीमतों, जल्द डिलीवरी और गुणवत्ता के आधार पर आपूर्तिकर्ताओं से उत्पाद खरीदेंगे. इन्हीं कारकों को ध्यान में रखते हुए म्यांमार, भारत और अन्य देशों के आपूर्तिकर्ताओं के साथ चर्चा चल रही है.'
सालेहुद्दीन ने भारत की ओर से निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की मांग को व्यापार के लिए अप्रासंगिक बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'राजनेता कई बातें कह सकते हैं. निर्यातक उन पर ध्यान नहीं देते. अगर उत्पादकों को फायदा हो रहा है और उनके पास पर्याप्त मात्रा में उत्पाद है तो निर्यातक अपना उत्पाद बेचेंगे, चाहे वो हमें बेचें या किसी और को.'
उन्होंने कहा कि अगर व्यापार रोकने को लेकर राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ तो निर्यातक देश के व्यापार विशेषज्ञ संभवतः इसका विरोध करेंगे.

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