
भारत में 500 पर बैन की मांग, पाकिस्तान में 5000 का भी चलता है नोट... जानिए कितने की है US की सबसे बड़ी करेंसी
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विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं जैसे अमेरिका, जर्मनी, जापान, स्विट्ज़रलैंड में मुद्रा की खरीद शक्ति (purchasing power) अधिक होती है. इसलिए यहां छोटे मूल्य के नोट लेन-देन के लिए पर्याप्त होते हैं. अमेरिका में सबसे बड़ा नोट 100 डॉलर का है (लगभग ₹8,400), जो रोजमर्रा और बड़े लेनदेन के लिए पर्याप्त है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि सभी बड़े नोटों को बंद कर देना चाहिए. तभी भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है. चंद्रबाबू नायडू ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि सिर्फ 100 और 200 रुपये से नीचे के नोट चलने चाहिए. 500 रुपये के नोटों को भी नहीं चलने देना चाहिए.
बता दें कि भारत में कई संस्थाएं करप्शन पर लगाम लगाने के लिए बड़े नोटों पर रोक लगाने की मांग करती रही हैं. चंद्रबाबू नायडू ने भी यही मांग की है.
माना जाता है कि कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में हाइपरइन्फ्लेशन (अत्यधिक मुद्रास्फीति) के कारण बड़े मूल्य के नोटों की जरूरत पड़ती है, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत मुद्रा और डिजिटल भुगतान के कारण छोटे मूल्य के नोट पर्याप्त होते हैं. भारत इसी मॉडल को फॉलो करना चाहता है. हालांकि यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है.
ब्रुनेई, सिंगापुर और स्विटजरलैंड जैसे विकसित देशों में बड़े मूल्य के नोट प्रचलन में हैं, जो उनकी मजबूत अर्थव्यवस्था और प्रभावकारी आर्थिक नीतियों के कारण संभव है. कई देश मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक के लिए भी छोटे नोट का प्रयोग करते हैं. इसके विपरीत कुछ विकासशील देश भी हैं जो छोटे मूल्य के नोटों का उपयोग करते हैं. यह मुद्रा नीति, आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करता है.
आइए हम आपको बताते हैं कि दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में किस वैल्यू के यानी कि कितने बड़े नोट प्रचलन में हैं.
अमेरिका:













