
भारतीयों के लिए भूटान ने किया ये बड़ा ऐलान, होगा ये बड़ा फायदा
AajTak
भूटान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब ड्यूटी फ्री सोना बेचेगा. वहां जाने वाले पर्यटक पर्यटन शुल्क का भुगतान कर और वहां के पर्यटन विभाग द्वारा प्रमाणित होटल में कम से कम एक रात रुककर इसका लाभ उठा सकते हैं. भारतीयों को इससे बहुत लाभ होगा क्योंकि भूटान में सबसे अधिक पर्यटक भारत से ही जाते हैं.
भूटान ने अपने यहां पर्यटन को आकर्षित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है जिसका सबसे अधिक फायदा भारत के पर्यटकों को होने वाला है. भूटान जाने वाले पर्यटक अब ड्यूटी फ्री सोना खरीद सकते हैं. जो पर्यटक टिकाऊ विकास शुल्क का भुगतान करते हैं वो भूटान के शहरों फुटशोलिंग और थिम्पू से ड्यूटी फ्री सोना खरीद पाएंगे.
भूटान में पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की है, जिसे देखते हुए भूटानी सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक फायदा भारतीयों को होने वाला है.
भूटान के सरकारी अखबार, Kuensel के मुताबिक, भूटान की सरकार ने यह फैसला 21 फरवरी को भूटानी नव वर्ष पर लिया.
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया, 'सभी एसडीएफ भुगतान करने वाले पर्यटक सोना खरीदने के पात्र हैं लेकिन इसके लिए उन्हें पर्यटन विभाग द्वारा प्रमाणित होटल में कम से कम एक रात बिताना होगा. सोना 1 मार्च से थिम्फू और फुंटशोलिंग से खरीदा जा सकेगा.'
द वायर के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया कि सोना ड्यूटी-फ्री आउटलेट्स की तरफ से बेचा जाएगा जो आम तौर पर लक्जरी आइटम बेचते हैं और भूटानी वित्त मंत्रालय के अधीन आते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा ये आउटलेट्स ड्यूटी फ्री सोने पर किसी तरह का लाभ नहीं कमाएंगे.
26 फरवरी 2023 की कीमतों के अनुसार, भारत में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 58, 390 रुपये है. हालांकि, भूटान में इतनी ही मात्रा में सोने की कीमत 40, 286 बीटीएन (भूटान की मुद्रा- भूटानी नगुलट्रम) है. एक रुपया और एक बीटीएन का मूल्य लगभग समान है जिस कारण भारतीयों को भूटान में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने के लिए लगभग 40,286 रुपये का भुगतान करना होगा.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






