बॉक्स ऑफिस के साइज से लेकर स्टारडम के सवाल तक... 'पठान' ने बॉलीवुड के लिए बदल दी हैं ये 5 चीजें!
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शाहरुख खान की 'पठान' बॉक्स ऑफिस पर सुनामी लेकर आई है. दर्शकों से खचाखच भरे थिएटर्स के जो वीडियो सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर आराम से समझा जा सकता है कि फिल्म को लेकर क्या माहौल है. 'पठान' से सिर्फ शाहरुख की दमदार वापसी ही नहीं हुई, बल्कि बॉलीवुड के लिए भी कुछ चीजें बदल गई हैं.
सिनेमा थिएटर्स में इन दिनों त्यौहार जैसा माहौल है. इसकी वजह हैं शाहरुख खान और उनकी लेटेस्ट फिल्म 'पठान'. 4 साल बाद स्क्रीन पर हीरो के रोल में शाहरुख जिस धमाके के साथ लौटे हैं उसे किसी बॉलीवुड स्टार की सबसे जोरदार वापसी कहा जा सकता है. लेकिन जिस तरह थिएटर्स में लोग शाहरुख के दीवाने हो रहे हैं, उसे देखकर लगता ही नहीं कि वो सिल्वर स्क्रीन से कहीं गए भी थे.
'पठान' ने पहले 3 दिन में ही वर्ल्डवाइड 300 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन कर लिया है. सिर्फ इंडिया में ही फिल्म का नेट कलेक्शन 3 दिन में 150 करोड़ का दमदार आंकड़ा पार कर चुका है. शाहरुख की कमबैक फिल्म ने कोरोना के बाद से जूझ रहे बॉलीवुड को बॉक्स ऑफिस पर अच्छे दिन तो दिखाए ही हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद के दौर में 'पठान' की कामयाबी ने कुछ चीजें पूरी तरह बदल दी हैं. आइए बताते हैं कैसे:
'स्टारडम' जिंदा है! 2018 की तरफ एक बार फिर से देखिए, 'जीरो' के फ्लॉप होने के बाद सबसे बड़ा सवाल शाहरुख के स्टारडम पर खड़ा हुआ. इसके बाद से यहां तक कह दिया गया कि शाहरुख का दौर शायद बीत चुका और 30 साल बाद अब उन्हें सपोर्टिंग रोल में आ जाने की जरूरत है. बल्कि शाहरुख ही नहीं, स्टारडम वाले पूरे फंडे पर ही सवाल उठने लगे. लॉकडाउन के बाद से बॉक्स ऑफिस पर जूझ रहे बॉलीवुड को देखकर बहुत सारी बहसों में ये भी कहा गया कि सुपरस्टार्स वाला दौर अब खत्म.
इसका जवाब 'पठान' का सिर्फ एक सीन दे देता है, जिसमें शाहरुख और सलमान साथ हैं. स्क्रीन पर दोनों के साथ आने की तस्वीरें और वीडियो, प्रोडक्शन हाउस के रोकते-रोकते भी सोशल मीडिया पर भयंकर वायरल हो चुके हैं. जिन लोगों ने फिल्म नहीं भी देखी है, वो सिर्फ इस मोमेंट को सेलिब्रेट कर रहे हैं. यानी फिल्म में शाहरुख सिर्फ अपने किरदार के लिए ही 'जिंदा है...' डायलॉग नहीं बोल रहे, बल्कि ये उनके स्टारडम, उनके फैनडम के लिए भी है. बॉलीवुड के साथ है जनता लॉकडाउन के बाद तेलुगू, कन्नड़ और तमिल फिल्मों के हिंदी वर्जन ने बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड को बहुत तगड़ी टक्कर दी. 'ब्रह्मास्त्र' की रिलीज से पहले तक तो ये नैरेटिव बन चुका था कि साउथ फिल्मों से आ रही बॉक्स ऑफिस सुनामी का जवाब बॉलीवुड के पास है ही नहीं और अब साउथ सिनेमा ही जनता की पहली पसंद है.
'पठान' ने सिर्फ पहले 3 दिन में दिखा दिया है कि सुपरस्टार और धमाकेदार स्क्रीन एक्सपीरियंस का एक अच्छा कॉम्बिनेशन सारे गणित बदल सकता है. हालत ये है कि साउथ में भी 'पठान' के डबिंग वाले वर्जन, लिमिटेड स्क्रीन्स के बावजूद अच्छी कमाई कर रहे हैं, खासकर तेलुगू भाषी बेल्ट में. सीधा मतलब ये है कि जनता धमाकेदार सिनेमा के साथ है, चाहे वो साउथ से आए या बॉलीवुड से. और लोग सिनेमा को प्यार या नफरत की नजर से नहीं, बल्कि एंटरटेनमेंट की नजर से देख रहे हैं.
मिडल बजट फिल्मों को ओटीटी का सहारा 'पठान' की बड़ी कामयाबी से एक बात पक्की हो गयी है- जनता को थिएटर्स में बड़ी स्क्रीन पर धमाकेदार मसाला चाहिए. आयुष्मान खुराना जैसे स्टार्स का मिडल बजट वाला सेगमेंट अब स्क्रीन्स पर थोड़ा स्ट्रगल करेगा. ये बात उनकी ही पिछली फिल्म 'एन एक्शन हीरो' से साबित हो चुकी है, जिसके रिव्यू बहुत अच्छे थे मगर कमाई बहुत कम.
23 अप्रैल को बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर मनोज बाजपेयी जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. वो पिंजर, सत्या, शूल, गैंग्स ऑफ वासेपुर, अलीगढ़, राजनीति, जुबैदा, फैमिली मैन जैसे प्रोजेक्ट् में दिखे हैं. लेकिन शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने करियर के शुरुआती दिनों में कई दफा रिजेक्शन झेला था.