
'बैड बॉय हैं सलमान, शाहरुख जेंटलमैन', आखिर क्यों दोनों सुपरस्टार्स के बारे में ऐसा बोले अरशद वारसी?
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अरशद वारसी ने सलमान और शाहरुख खान को लेकर कुछ बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि सलमान जहां बैड बॉय हैं, वहीं शाहरुख थोड़े जेंटलमैन टाइप इंसान हैं. दोनों की पर्सनैलिटी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है. हालांकि दोनों ही इंसान गलत नहीं हैं.
बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी करीब 30 सालों से इंडस्ट्री का हिस्सा हैं. उन्होंने कई बड़े सितारों संग फिल्मों में काम किया है. एक्टर अपने कॉमिक अंदाज के लिए मशहूर हैं. उन्होंने 'गोलमाल', 'धमाल' जैसी दमदार फिल्म फ्रेंचाइजी में काम किया, जो आज के समय में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्म है. अरशद ने बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स सलमान और शाहरुख खान के साथ भी फिल्में की हैं.
किन फिल्मों में शाहरुख-सलमान संग नजर आए अरशद?
अरशद वारसी ने सलमान खान की 'मैंने प्यार क्यों किया' में काम किया था, जिसमें वो सुपरस्टार के दोस्त बने थे. वहीं, वो शाहरुख खान के साथ फिल्म 'कुछ मीठा हो जाए' में नजर आए थे, जो साल 2005 में आई थी. हालांकि ये फिल्म में शाहरुख का छोटा रोल था. लेकिन अब वो जल्द उनके साथ 'किंग' में नजर आएंगे.
हाल ही में द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में अरशद ने दोनों सुपरस्टार के बारे में बात की. उनसे जब शाहरुख और सलमान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पहले शाहरुख के लिए कहा, 'शाहरुख को अपना काम बहुत अच्छे से पता है. उनमें वो पुराने जमाने वाला थिएटर वाला अंदाज है और सारी लाइनें उनके दिमाग में तैयार रहती हैं. वो सबसे ज्यादा विनम्र और दूसरों को बहुत कुछ देने वाले एक्टर हैं. बहुत अच्छा लगता है. मैंने कभी उन्हें चिल्लाते हुए नहीं देखा. मुझे उनसे बहुत लगाव है.'
'सुहाना और आर्यन को भी बहुत अच्छे तरीके से पाला है, बहुत बढ़िया बच्चे हैं. जब मुझे किंग के लिए बोला गया तो मैंने एक सेकंड में हांकर दी. शाहरुख खुद कहते हैं कि वो आखिरी सुपरस्टार हैं, और मैं उन पर पूरी तरह यकीन करता हूं. मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं, उनका बहुत बड़ा फैन हूं. उनमें बहुत इज्जत और शान है.'
सलमान को क्यों अरशद ने बुलाया 'बैड बॉय'?

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान 60 साल के हो गए हैं. जिन्होंने तीन दशकों से ज्यादा समय तक हिंदी सिनेमा पर राज किया. जिनके नाम भर से ही सिनेमा भर जाते हैं. लेकिन उनकी कहानी सिर्फ फिल्मों की नहीं है, बींग ह्यूमन के जरिए उन्होंने शौहरत को इंसानियत से जोड़ा. कभी ईलाज, कभी शिक्षा, हजारों जिंदगियों के लिए उम्मीद बने.












