बिहारः राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में नीतीश ने दिया बीजेपी का साथ, फिर क्यों बदलना पड़ा पाला?
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बिहार में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हो गया है. हालांकि, ये ऐसा परिवर्तन है जिसमें मुख्यमंत्री का चेहरा वही नीतीश कुमार हैं, लेकिन बाकी किरदार बदल गए हैं. नीतीश कुमार ने बीजेपी को झटका देते हुए गठबंधन तोड़ लिया है और अब लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली है. लेकिन सवाल ये है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी का साथ देने वाले नीतीश कुमार ने अचानक इतना बड़ा फैसला क्यों ले लिया?
बिहार में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूटने के बाद महागठबंधन की सरकार बन गई है. बुधवार को राजभवन में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. अब बिहार में आए सियासी तूफान के मायने तलाशे जा रहे हैं. सभी लोग अपने-अपने तरीकों से इसकी समीक्षा करने में जुटे हैं. वहीं Aajtak ने इस सियासी तूफान की नींव टटोली. बड़ा सवाल ये है कि अगर बीजेपी ने जदयू को तोड़ने की कोशिश बहुत पहले शुरू कर दी थी, तो फिर नीतीश कुमार की पार्टी ने राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान बीजेपी का साथ क्यों दिया ? ये पूरा खेल अचानक नहीं हुआ. इसकी पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी. इस मामले में मोहरा भले आरसीपी सिंह हों, लेकिन तेजस्वी के साथ जाना बहुत पहले प्लानिंग का हिस्सा था.
अब सोचिए हाल तक बीजेपी और जेडीयू के नेता लोकसभा 2024 और विधानसभा 2025 का चुनाव साथ लड़ने का दावा कर रहे थे. वहीं जदयू ने भी मजबूती के साथ राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया. ठीक उसके बाद उपराष्ट्रपति चुनाव में भी जदयू ने भाजपा का साथ दिया, लेकिन अचानक कुछ दिनों में ऐसा क्या हुआ कि नीतीश कुमार ने इतना बड़ा फैसला ले लिया और बीजेपी को पूरी तरह छोड़कर 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. सवाल उठ रहा है कि क्या राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव तक राजद से डील नहीं हो पाई थी या फिर सोनिया गांधी ने लालू को मनाया नहीं था? तमाम ऐसे सवालों पर मंथन जारी है.
हमने बीजेपी को धोखा नहीं दिया-जेडीयू
इस मामले पर जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जदयू ने भाजपा को धोखा नहीं दिया है. यह बात इसी से साबित होती है कि हमने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी बीजेपी का साथ दिया. लेकिन जैसे ही हमें जानकारी मिली कि हमारी पार्टी को तोड़ने की साजिश की जा रही थी. उसके बाद हमने, हमारे विधायकों ने और पार्टी के नेता नीतीश कुमार ने मिलकर निर्णय लिया.
बीजेपी ने नीतीश के खिलाफ खोला मोर्चा
इधर बीजेपी ने नीतीश कुमार के खिलाफ पहले से मोर्चा खोल रखा है. बीजेपी नेताओं के बयानों के अलावा सोशल मीडिया पर अभी मुख्य टारगेट नीतीश कुमार हैं. किसी भी नेता का ट्वीट और फेसबुक एकाउंट देख लीजिए. उसमें पलटूराम, धोखेबाज सरीखे शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि BJP बड़े अंतर से जीतेगी. शिवराज ने ये भी कहा कि लोग इस अंतर को देखकर आश्चर्यचकित होंगे. उन्होंने दावा किया कि BJP छिंदवाड़ा सीट भी जीतेगी. उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण के राज्यों में BJP को सफलता मिलेगी.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं. राज्यों की बात करें तो इस बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. केरल में भी बीजेपी का खाता खुलने की उम्मीद है.
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एग्जिट पोल में तीसरी बार मोदी सरकार के अनुमान जताए गए हैं. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पांच पॉइंट में समझिए वो सियासी फैक्टर जो एग्जिट पोल में पीएम मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बनते दिख रहे हैं.
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन 25 से ज्यादा सीटें हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, महंगाई से आजादी के लिए वोट किया है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता का जनसैलाब तेजस्वी यादव के लिए प्यार दिखा रहा था. विरोधी दो दिन तक खुशफहमी में जी लें.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को प्रधानमंत्री मोदी का पोल बता दिया और उसे पूरी तरह से नकार दिया. राहुल गांधी ने दावा किया कि 'इंडिया गठबंधन' को 295 सीटें मिल रही हैं. सिद्धू मूसेवाला का गाने 295 जितनी हमारी सीटें आएंगी.
बैठक में खड़गे पार्टी उम्मीदवारों को 4 जून को काउंटिंग के दौरान एहतियात बरतने को लेकर दिशा निर्देश देंगे. मीटिंग में अध्यक्ष खड़गे के अलावा राहुल गांधी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. कांग्रेस ने यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है जब एक दिन पहले ही अंतिम दौर का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आए हैं.