
बाइडेन की वो 7 भूलें जिनसे प्रेसिडेंशियल रेस से नाम वापस लेने को हुए मजबूर
AajTak
राष्ट्रपति बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने गए थे. वह लगातार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. लेकिन बढ़ी हुई उम्र और खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे बाइडेन की दिक्कतों को ट्रंप के साथ उनकी प्रेसिडेंशियल डिबेट ने और बढ़ा दिया. इस डिबेट के बाद उन पर लगातार दबाव बढ़ गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है. लेकिन उनके इस फैसले से एक सवाल खड़ा हो गया है कि उन्होंने अचानक यह फैसला क्यों लिया? आइए, एक नजर डालते हैं, उन सात बड़ी भूलों पर जिनकी वजह से उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेने को मजबूर होना पड़ा.
राष्ट्रपति बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने गए थे. वह लगातार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. लेकिन बढ़ी हुई उम्र और खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे बाइडेन की दिक्कतों को ट्रंप के साथ उनकी प्रेसिडेंशियल डिबेट ने और बढ़ा दिया. इस डिबेट के बाद उन पर लगातार दबाव बढ़ा. बीते कुछ महीने में ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनसे उनकी फजीहत हुई है और उन्हें राष्ट्रपति पद के अयोग्य माना जाने लगा.
1) डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन और रिपब्लिकन की ओर से उम्मीदवार ट्रंप के बीच बीते महीने जून में पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी. सीएनएन की ओर से आयोजित कराई गई इस लाइव डिबेट में ट्रंप एक तरह से बाइडेन पर भारी पड़ गए थे. इस डिबेट में बाइडेन की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही. वह ना को ट्रंप के दावों को काउंटर कर पाए. ना ही अपनी बात सही तरीके से रख पाए. वह कई बार बोलते-बोलते फ्रीज हो गए. ऐसे भी मौके आए, जब उन्हें खुद पता नहीं था कि वह क्या बोल रहे हैं.
इस टीवी डिबेट के ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें उन्हें फ्रीज होते, बुदबुदाते और भ्रमित होते देखा गया. डिबेट में बाइडेन की इस खराब परफॉर्मेंस के बाद उन पर उम्मीदवारी से हटने का दबाव बढ़ गया था. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति ओबामा और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी ने उनसे उम्मीदवारी से हटने का अनुरोध किया था.
2) राष्ट्रपति बाइडेन ने हाल ही में वॉशिंगटन में हुई नाटो समिट में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को पुतिन जबकि अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को वाइस प्रेसिडेंट ट्रंप कह दिया था. बाइडेन ने NATO की बैठक के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को 'राष्ट्रपति पुतिन' बोल दिया. वह फिर संभले और अपनी गलती सुधार की. जो बाइडेन ने अपनी गलती सुधारते हुए कहा कि उनका फोकस पुतिन को हराने पर है.
3) हाल ही में इटली के पुगलिया में हुई G7 बैठक में वैश्विक नेताओं के मिलने-जुलने की कई तरह की तस्वीरें सामने आई थीं. इस दौरान बाइडेन के एक वीडियो ने खासतौर से लोगों का ध्यान खींचा था.इस वीडियो में बाइडेन का बर्ताव कुछ ऐसा रहा कि इटली की पीएम जार्जिया मेलोनी को आगे बढ़कर उन्हें संभालना पड़ा. वीडियो में देखा जा सकता है सभी नेता एक दिशा में खड़े होकर बातचीत कर रह हैं जबकि बाइडेन विपरीत दिशा में जाकर अपने आप से बातें करते और अजीब तरह से बर्ताव करते नजर आ रहे हैं. इसे बाद मेलोनी आगे बढ़कर उन्हें ग्रुप के पास ले जाती हैं.

रोमानिया में एक नाटकीय हादसे में एक तेज रफ्तार मर्सिडीज कार सड़क पर चल रही दो अन्य कारों के ऊपर से उड़ गई. बताया जा रहा है कि 55 वर्षीय चालक ने स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण कार से अपना नियंत्रण खो दिया, जिससे कार डिवाइडर से टकरा गई और कई मीटर हवा में उछल गई. लेकिन हादसे में ड्राइवर को हल्की चोटें आई हैं.

FIFA ने ट्रंप को दिया पहला 'शांति पुरस्कार', अमेरिकी राष्ट्रपति बोले- हमने करोड़ों लोगों की जान बचाई
फीफा ने इस साल से यह अवार्ड उन लोगों को देने के लिए शुरू किया है, जो दुनिया में शांति फैलाने और लोगों को जोड़ने में अहम योगदान करते हैं. कार्यक्रम में ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों को दिखाने वाले वीडियो क्लिप्स शामिल किए गए.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.









