
बांग्लादेश में विरोध के लिए कोई जगह नहीं! यूनुस सरकार ने ढाका में जुलूसों और रैलियों पर लगाया बैन
AajTak
सरकारी कर्मचारी यूनुस सरकार द्वारा लाए गए उस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत किसी भी कर्मचारी को 'दुर्व्यवहार' के आरोप में 14 दिनों के भीतर बिना किसी उचित प्रक्रिया के बर्खास्त किया जा सकता है. कर्मचारियों ने इसे 'अवैध काला कानून' करार दिया है और तुरंत इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार एक तरफ विपक्षी दलों के भारी विरोध का सामना कर रही है, तो दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और सेना के साथ तनाव के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी के मुख्य इलाके में सभी सार्वजनिक सभाओं, जुलूसों और रैलियों पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी है.
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को पुलिस ने मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास जमुना गेस्ट हाउस, बांग्लादेश सचिवालय और आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया. यह सुरक्षा सख्ती उन विरोध प्रदर्शनों के चलते की गई है जो बीते कई हफ्तों से ढाका सचिवालय में जारी हैं.
अध्यादेश का विरोध कर रहे सरकारी कर्मचारी सरकारी कर्मचारी यूनुस सरकार द्वारा लाए गए उस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत किसी भी कर्मचारी को 'दुर्व्यवहार' के आरोप में 14 दिनों के भीतर बिना किसी उचित प्रक्रिया के बर्खास्त किया जा सकता है. कर्मचारियों ने इसे 'अवैध काला कानून' करार दिया है और तुरंत इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
'जनहित और यूनुस की सुरक्षा में लिया गया फैसला'
DMP कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने बताया कि राजधानी के इस हिस्से में विरोध-प्रदर्शनों पर प्रतिबंध 'जनता के हित में और मुख्य सलाहकार (मोहम्मद यूनुस) की सुरक्षा' के लिए लगाया गया है. इससे पहले 10 मई को भी ऐसा ही आदेश जारी हुआ था, जब सरकार ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) और पुलिस की स्पेशल यूनिट्स (SWAT) को तैनात कर सरकारी इमारतों की सुरक्षा कड़ी कर दी थी.
फिलहाल ईद की छुट्टियों ने इन प्रदर्शनों को थोड़ा हल्का जरूर किया है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें 15 जून तक नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन और तेज कर देंगे. न्यू एज बांग्लादेश की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







