बच्चों को पाकिस्तान ले जा पाएगी अंजू उर्फ फातिमा? कस्टडी को लेकर भारत-PAK आ सकते हैं आमने-सामने!
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छह महीने बाद अंजू पाकिस्तान से भारत लौट आई है. हालांकि, वो अपने बच्चों से यहां मिलने आई है. उसके पाकिस्तानी पति नसरुल्लाह का कहना है उसे अपने बच्चों की याद आ रही थी. ऐसे में जानते हैं कि क्या अंजू उर्फ फातिमा के लिए अपने बच्चों को पाकिस्तान ले जाना कितना आसान होगा?
पाकिस्तान गई अंजू छह महीने बाद फिर भारत लौट आई है. राजस्थान के अलवर की रहने वाली अंजू ने 25 जुलाई को पाकिस्तान के नसरुल्लाह से निकाह कर लिया था. इसके बाद अंजू ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम भी बदलकर फातिमा कर लिया.
फातिमा बनी अंजू भारत क्यों आई है? इस बारे में उसके पाकिस्तानी पति नसरूल्लाह ने बताया कि अंजू को अपने बच्चों की बहुत याद आ रही थी और उनसे मिलने के लिए ही वो भारत आई है.
नसरूल्लाह ने कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी मीडिया को इंटरव्यू दिया था. इसमें उसने बताया था कि अंजू भारत में अपने बच्चों से मिलेगी. अगर बच्चे अंजू के साथ पाकिस्तान आना चाहेंगे तो आ सकते हैं. लेकिन अगर वो भारत में ही रहना चाहेंगे तो वो उनकी मर्जी है.
हालांकि, ये सब कहने और सुनने में जितना आसान लग रहा है, उतना है नहीं. इस तरह के मामलों में कई सारे कानूनी पचड़े आड़े आते हैं. बच्चों की कस्टडी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी. इस मामले में कई सारे अंतरराष्ट्रीय कानून हैं, दोनों देशों की अपनी चुनौतियां हैं और राजनयिक संबंध हैं, जो इसे जटिल बना सकते हैं.
क्या-क्या हैं चुनौतियां?
- क्षेत्राधिकार संबंधी संघर्षः सबसे बड़ी चुनौती तो यही होगी कि बच्चों की कस्टडी के मामलों पर फैसला लेने का कानूनी अधिकार किस देश के पास है. ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे- बच्चे कहां के रहने वाले हैं? उनकी राष्ट्रीयता क्या है? तलाक या सेपरेशन की कार्यवाही कहां शुरू की गई थी?
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