
बच्चे कहते रहे छत गिर रही, टीचर ने धमकाकर बैठा दिया! झालावाड़ स्कूल हादसे में बड़ा खुलासा, 10 टीचर-अधिकारी सस्पेंड
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राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए. छात्र सुबह प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया. घटना में लापरवाही के आरोप में शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारी निलंबित किए गए हैं.
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ. सरकारी हाई प्राइमरी स्कूल की छत गिर गई, जिससे सात मासूम बच्चों की जान चली गई और एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए. हादसे के समय बच्चे स्कूल में प्रार्थना सभा के लिए मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इस जर्जर बिल्डिंग को लेकर कई बार चेताया भी गया था. बावजूद इसके प्रशासन की अनदेखी जारी रही और जिसका डर था वही हो गया. इस मामले में पांच शिक्षक और पांच शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि गांववालों की मदद से बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया. घायलों को पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. स्थानीय लोगों और छात्रों का कहना है कि स्कूल की दीवारें और छत पहले से ही जर्जर हालत में थीं. कुछ समय पहले प्लास्टर किया गया था, लेकिन हालात नहीं सुधरे. इस स्कूल की बिल्डिंग 78 साल पुरानी है.
प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ हादसा
वहीं, एक छात्रा वर्षा ने बताया कि छत से कंकड़ गिरने लगे थे. जब बच्चों ने टीचरों से कहा तो उन्होंने डांट दिया और कहा कि बैठो. उसके बाद छत गिर गई और बच्चे दब गए. हादसे के वक्त शिक्षक पास में नाश्ता कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह बेहद पीड़ादायक है.
शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारी निलंबित
इस घटना के बाद से गांव में सदमे का महौल है और लोगों में गुस्से का महौल है. परिजन और ग्रामीणों ने बताया कि कई बार स्कूल की हालत को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हादसे के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षक और पांच शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जांच समिति बनाई गई है और रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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