प्रयागराज में ही छिपी है शाइस्ता, लेडी गैंग भी साथ, बुर्के की आड़ में पुलिस को दे रही चकमा!
AajTak
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश जारी है. बताया जा रहा है कि वह प्रयागराज में रहकर ही अपने ठिकाने बदल रही है. उसके साथ आधा दर्जन से ज्यादा महिलाएं भी हैं, ये सभी बुर्के में रहती हैं. ऐसे में शाइस्ता आसानी से पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो रही है.
यूपी पुलिस उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रही शाइस्ता परवीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और बहन आयशा नूरी प्रयागराज में ही छिपे हैं. इतना ही नहीं आयशा और शाइस्ता के साथ आधे दर्जन से ज्यादा महिलाएं भी हैं. ये सभी बुर्का पहनकर दोनों के साथ चलती हैं. इससे पहले STF DIG ने भी दावा किया था कि शाइस्ता को बुर्के की वजह से खोजने में दिक्कत आ रही है.
शाइस्ता को लेकर हुए ये खुलासे
- शाइस्ता और आयशा प्रयागराज के कौशाम्बी के कछार इलाके में छिपीं हैं. - दोनों लगातार अपनी लोकेशन बदल रही हैं. - शाइस्ता और आयशा के साथ आधे दर्जन से ज्यादा महिलाएं भी हैं. ये सभी बुर्का पहनकर साथ चलती हैं. - आयशा और शाइस्ता रोजाना फोन और नंबर दोनों बदल रही हैं. - शाइस्ता के साथ शूटर साबिर भी साये के साथ चल रहा है.
क्या बुर्के की वजह से बच रही शाइस्ता?
इससे पहले यूपी एसटीएफ के डीआईजी आनंद देव तिवारी ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हमारी कुछ सीमाएं हैं, लेकिन उनके पास गिरफ्तारी से बचने के कई साधन हैं. जहां तक बमबाज गुड्डू मुस्लिम का सवाल है, वह छिपने में माहिर है. वहीं, शाइस्ता पर्दानशीं (बुर्के) में रहती है. लेकिन हम उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे.
उमेश पाल मर्डर केस में चार की तलाश जारी
नीट यूजी 2024 की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान परिणामों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.