प्रदूषण के कहर से सांसों में घुल रहा जहर! दिल्ली-NCR की हवा में सांस लेना दुभर
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दिल्ली-एनसीआर में जबरदस्त प्रदूषण की मार जारी है. विंटर एक्शन प्लान और सरकार के कई इंतजामों के बाद भी AQI बदतर है. प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP का चौथा चरण लागू कर दिया गया है.
दिल्ली-एनसीआर में जहरीले स्मॉग में सांस लेना मुश्किल हो गया है. राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के इलाकों में बढ़ता प्रदूषण खतरे की घंटी बजा रहा है. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आज (सोमवार) 6 नवंबर को 400 के पार दर्ज किया गया है. वहीं, आरके पुरम इलाके में AQI 466, आईटीओ में AQI 402, प्रतापगढ़ में 471 और मोती बाग में AQI 488 रिकॉर्ड किया गया है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.
कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक
जहरीले स्मॉग के कहर से दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाके बेहाल हैं. जहरीले धुंध के कोहराम ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. लोगों को गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां हो रही हैं. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में अभी अगले दो दिन औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 तक ही रहने की संभावना है.
दिल्ली में आग बुझाने वाली फायर ब्रिगेड प्रदूषण पर काबू पाने के लिए मैदान में उतारी गई है. कोशिश की जा रही है कि सांसों में घुलते जहर के इस असर को कुछ कम किया जा सके और लोगों को जहरीली हवा की मुसीबत से राहत दिलाई जा सके.
सड़कों पर टैंकरों के जरिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल नीचे बैठे और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार आ सके लेकिन ये इंतजाम कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. बता दें कि हर साल नवंबर के महीने में दिल्ली समेत उत्तर भारत प्रदूषण की ऐसी ही मार झेलता है. हर साल प्रदूषण कम करने के दावे होते हैं लेकिन इसी तरह जहरीली धुंध लोगों की सांसों पर भारी पड़ती है.
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