
पॉलिटिकल PR का बढ़ता क्रेज, आखिर नेताओं को क्यों पड़ने लगी एजेंसियों की जरूरत?
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भारत में चुनावी अभियानों और इससे जुड़ी पेचीदगियां पहले के मुकाबले अब काफी हद तक बदल गई हैं. भारत में चुनावी प्रचार-प्रसार में राजनीतिक सलाहकार पुराने राजनीतिक दलों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यदि कोई एक राजनीतिक दल किसी फर्म की सेवाओं का लाभ उठाता है तो दूसरी राजनीतिक पार्टी पीछे नहीं रहना चाहती है.
कोई पैदाइशी नेता नहीं होता. बल्कि हालातों में तपकर और परिस्थितियों में ढलकर नेता तैयार होते हैं. वैसे है तो यह एक कहावत है, लेकिन सच भी है. राजनीतिक कामों के लिए जिस तेजी से सलाह देने वाली फर्मों की संख्या में तेजी आई है वो इस बात का सबूत भी है. इंडिया टुडे ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) जैसी कुछ शीर्ष राजनीतिक परामर्श एजेंसियों (Political Consulting Agencies) के लोगों से बात की, ताकि यह समझा जा सके कि उनकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के पीछे आखिर क्या कारण है और कहां सावधानी बरतने की जरूरत है.
भारत में चुनावी अभियानों और इससे जुड़ी पेचीदगियां पहले के मुकाबले अब काफी हद तक बदल गई हैं. भारत में चुनावी प्रचार-प्रसार में राजनीतिक सलाहकार पुराने राजनीतिक दलों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन सलाहकारों में, IPAC सबसे लंबे समय से आगे रहा है. आपको बता दें कि 2014 के आम चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के अभियान का नेतृत्व करके IPAC तेजी से उभरा. इसके बाद 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में इस फर्म ने चुनावी अभियान को पूर्ण रूप से संभाला जो IPAC की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हुआ.
IPAC कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और DMK जैसी अलग-अलग पार्टियों के लिए सफलतापूर्वक चुनावी अभियान चला चुकी है. हालांकि, 2017 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के चुनावी अभियान में उसे सफलता नहीं मिली जिसके बाद उनके ट्रैक रिकॉर्ड में हार वाला कॉलम भी जुड़ गया. हाल ही में आंध्र प्रदेश में IPAC का एक और चुनावी प्रयास विफल रहा क्योंकि YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) को वहां चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
राजनीतिक सलाह देने के क्षेत्र में अब अन्य कई खिलाड़ी भी काफी प्रमुखता से उभरे हैं जिससे यह अब पहले के मुकाबले काफी विस्तारित हो गया है. इसी सिलसिले में शोटाइम नाम की कंपनी का जिक्र करना आवश्यक होगा. इस कंपनी ने 2019 से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का काम-काज संभाल रखा है और हाल ही में हुए आंध्र प्रदेश के चुनावों में पार्टी ने दमदार जीत हासिल की है. महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शोटाइम और इस फील्ड में इसकी विशेषज्ञता की मांग बढ़ गई है. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) राज्य में अपने चुनावी अभियान को धार देने के लिए 2022 से शोटाइम की सेवाओं का लाभ ले रहा है.
तमिलनाडु में डीएमके की अपनी रणनीति फर्म है - पॉपुलस एम्पावरमेंट नेटवर्क (PEN). पार्टी का इस फर्म से जुड़ा काम डीएमके नेता और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के दामाद वी सबरीसन करते हैं. नवंबर 2022 में बनी PEN का लक्ष्य डीएमके के लिए टेक्लोलॉजी का उपयोग करने के साथ-साथ पार्टी के लिए रणनीति बनाना है ताकि पार्टी अपने पॉलिटिकल गोल को हासिल कर सके.
तमिलनाडु में रजत सेठी ने AIADMK के साथ मिलकर काम किया है. वहीं, डिज़ाइनबॉक्स के नरेश अरोड़ा को अशोक गहलोत और डीके शिवकुमार जैसे प्रमुख नेताओं के साथ काम करने का अनुभव है. फिलहाल में अरोड़ा महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP- अजित पवार गुट) के चुनावी अभियान को देख रहे हैं.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.

हरियाणा में चार मासूमों के सीरियल मर्डर केस ने झकझोर कर रख दिया है. खूबसूरती से जलन, रिश्तेदारों की बच्चियों और अपने ही तीन साल के बेटे तक को पानी में डुबोकर मारने वाली साइको किलर पूनम अब उसी गांव की जेल में है, जहां वह पली-बढ़ी. गिरफ्तारी के बाद से पूनम जेल की बैरक में बेचैनी है. न ठीक से नींद आ रही, ना खाना निगल पा रही है.

टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद जैसे डिजाइन में मस्जिद निर्माण के फैसले ने पश्चिम बंगाल में जोरदार घमासान खड़ा कर दिया है. BJP ने आरोप लगाया है कि यह कदम लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए उठाया जा रहा है. वहीं TMC ने इसे बेबुनियाद करार दिया और दावा किया कि कबीर BJP के इशारे पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

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