
पैगंबर पर विवादित टिप्पणीः पश्चिम बंगाल से असम तक बवाल... मुर्शिदाबाद में लूटपाट, नादिया में ट्रेन में तोड़-फोड़
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पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन जारी है. रविवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और नादिया में प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया. वहीं असम में धारा 144 लागू कर दी गई है.
नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को पश्चिम बंगाल और असम में विरोध प्रदर्शन हुए. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में लूटपाट भी की है. वहीं असम के कछार जिले में लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है.
पश्चिम बंगाल में रविवार को एक बार फिर से हिंसक प्रदर्शन हुए. मुर्शिदाबाद में लोगों ने नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन किया. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने इलाके के घर और दुकानों में लूटपाट की है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया. यहां पर लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हुआ है. साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े. वहीं नदिया जिले के बेथुआडहरी स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने एक लोकल ट्रेन में तोड़फोड़ की.
जानकारी के मुताबिक मुर्शिदाबाद के रेजिनगर और शक्तिपुर में 15 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है. प्रदर्शनकारियों ने शक्तिपुर में भी हिंसक प्रदर्शन किया था.इससे पहले बेलडांगा थाने पर शुक्रवार रात पथराव के बाद बेलडांगा में धारा 144 लागू कर दी गई थी.
पुलिस के मुताबिक नदिया के बेथुआ डहरी में सैकड़ों लोग नेशनल हाईवे 34 पर आ गए. प्रदर्शकारियों ने जाम लगा दिया. जब पुलिस ने जब लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा तो कुछ लोग बेथुआडहरी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और वहां खड़ी एक ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस और जीआरपी जब मौके पर पहुंची तो उपद्रवी बेथुआ डहरी अस्पताल इलाके में पहुंच गए. वहां पर भी कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की सूचना है. हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शकारियों को खदेड़ा. इस दौरान लगभग एक घंटे तक नेशनल हाईवे और रेल सेवा पूरी तरह से प्रभावित रही.
वहीं, असम के कछार जिले में भी कई संगठनों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि जब तक धारा 144 लागू रहेगी. तब तक कोई भी संगठन सभा या जुलूस का आयोजन नहीं कर सकेगा. वहीं प्रशासन की ओर से कहा गया है कि कछार में शांति बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. (इनपुट- दिलीप कुमार सिंह)

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