पीछा क्यों नहीं छोड़ रहा कोरोना? नए-नए वैरिएंट के क्या खतरे हैं, नई लहर की आशंका क्यों बढ़ रही? 10 सवालों के जवाब
AajTak
तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन कोरोना हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा है. जाते-जाते फिर लौटकर आ जा रहा है. इसकी एक वजह है वायरस का लगातार म्यूटेट होना और इस कारण इसके नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं. ऐसे में जानिए कोरोना वायरस, म्यूटेशन, वैरिएंट से जुड़े सभी सवालों के जवाब...
कोरोना वायरस को हमारे बीच फैले तीन साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. और ये वायरस कब तक रहेगा या कब खत्म होगा? इसका जवाब किसी को नहीं पता. ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है. इसी म्यूटेशन की वजह से संक्रमण जाते-जाते फिर लौट आता है.
भारत में भी कुछ महीनों से कोरोना के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन कुछ हफ्तों से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को देशभर में कोरोना के 10,542 नए मामले सामने आए हैं. 38 मरीजों की मौत भी हुई है. इतना ही नहीं, पॉजिटिविटी रेट भी 4.39 फीसदी पहुंच गया है.
पर ये मामले क्यों बढ़ रहे हैं? इसके लिए हेल्थ एक्सपर्ट ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.16 और XBB.1.16.1 को जिम्मेदार मानते हैं. इस समय यही दोनों सब-वैरिएंट हावी हैं और संक्रमण फैला रहे हैं. XBB.1.16.1 ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.16 का ही म्यूटेटेड वर्जन है. ऐसे में सवाल उठता है कि कोई वायरस म्यूटेट कैसे करता है?
1. वायरस में म्यूटेशन की वजह क्या?
होता ये है कि कोई भी वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए अपने स्ट्रक्चर में बदलाव करता है और इसे ही म्यूटेशन कहते हैं, जिस कारण इसके नए-नए वैरिएंट सामने आते हैं.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.