
पीएम मोदी अपनी कुवैत यात्रा समाप्त कर दिल्ली लौटे, जानें क्यों ऐतिहासिक रहा उनका यह दौरा
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पीएम मोदी की कुवैत यात्रा के दूसरे दिन, वहां के प्रधानमंत्री अहमद अल-अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं ने भारत और कुवैत के बीच मजबूत ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद किया और द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद रविवार देर रात दिल्ली के आईएफएस पालम एयरपोर्ट पहुंचे. यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कुवैत यात्रा थी. कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर पीएम मोदी वहां पहुंचे थे. उन्होंने कुवैत में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और भारत-कुवैत संबंधों को और गहरा करने के लिए वहां के राष्ट्राध्यक्ष संग बैठक की.
प्रधानमंत्री ने इस खाड़ी देश में योग को बढ़ावा देने वाले कुवैत के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से भी बातचीत की. उन्होंने कुवैत के अमीर मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाने पर सहमत हुए. कुवैत के प्रधानमंत्री भारत के लिए रवाना होते समय पीएम मोदी को हवाई अड्डे पर छोड़ने आए.
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कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बातचीत से पहले, पीएम मोदी का बायन पैलेस में औपचारिक स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पीएम मोदी की कुवैत यात्रा के दूसरे दिन, वहां के प्रधानमंत्री अहमद अल-अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं ने भारत और कुवैत के बीच मजबूत ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद किया और द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
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पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में भी कहा, 'कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा के साथ बैठक शानदार रही. हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की. हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप, हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है और मुझे आशा है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी अधिक प्रगाढ़ होगी और कुवैत की अध्यक्षता में भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council) के बीच संबंध और मजबूत होंगे.'

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