पाबंदी हटते ही सरपट भागा इस बैंक का शेयर, 15% की शानदार तेजी
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रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क के दायरे से अन्य बैंक पहले ही बाहर हो चुके थे. सेंट्रल बैंक अकेला ऐसा बैंक था, जिसके ऊपर यह पाबंदी लगी हुई थी. अब सेंट्रल बैंक के भी बाहर आ जाने के बाद किसी भी बैंक के ऊपर पीसीए फ्रेमवर्क की पाबंदी नहीं है. रिजर्व बैंक तीन मुख्य जोखिमों के कारण बैंकों के ऊपर यह पाबंदी लगाता है.
पब्लिक सेक्टर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) के शेयरों में आज बुधवार को जबरदस्त रैली देखने को मिली. दिन के कारोबार में एनएसई (NSE) पर बैंक का शेयर 15 फीसदी की छलांग लगाकर दिन के उच्च स्तर 23.4 रुपये पर पहुंच गया. सेंट्रल बैंक के शेयरों में यह शानदार रैली ऐसे समय आई है, जब ब्रॉडर मार्केट गिरा हुआ है. दोपहर एक बजे एनएसई 100 अंक से ज्यादा गिरा हुआ था.
RBI के इस फैसले से आई रैली
दरअसल सेंट्रल बैंक के शेयरों में आई रैली के पीछे रिजर्व बैंक (RBI) का एक अहम फैसला है. रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन के फ्रेमवर्क (PCA Framework) से बाहर करने का मंगलवार को ऐलान किया. सेंट्रल बैंक के ऊपर जून 2017 में यह पाबंदी लगाई गई थी. 05 साल से ज्यादा समय के बाद सेंट्रल बैंक के ऊपर से यह पाबंदी हटाई गई है. रिजर्व बैंक के इसी फैसले के बाद आज बाजार खुलते ही इन्वेस्टर्स सेंट्रल बैंक के शेयर खरीदने लग गए, जिसके कारण इसमें शानदार रैली आई.
इन कारणों से लगती है पाबंदी
रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क के दायरे से अन्य बैंक पहले ही बाहर हो चुके थे. सेंट्रल बैंक अकेला ऐसा बैंक था, जिसके ऊपर यह पाबंदी लगी हुई थी. अब सेंट्रल बैंक के भी बाहर आ जाने के बाद किसी भी बैंक के ऊपर पीसीए फ्रेमवर्क की पाबंदी नहीं है. रिजर्व बैंक तीन मुख्य जोखिमों के कारण बैंकों के ऊपर यह पाबंदी लगाता है. ये तीन जोखिम नेट एनपीए, मिनिमम कैपिटल क्राइटेरिया और एसेट पर रिटर्न से जुड़े होते हैं. इनमें से कोई एक भी जोखिम बढ़ जाने पर बैंक के ऊपर पाबंदी लगा दी जाती है.
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