पाकिस्तान: इमरान खान पर फिर हो सकता है जानलेवा हमला... कोर्ट ने किया आगाह
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इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आमर फारूक ने कहा है कि हमारे पास इंटेलिजेंस की कुछ रिपोर्ट आई हैं. इमरान खान पर एक और जानलेवा हमले की संभावना है. सरकार और राज्य इस मामले में समय रहते जांच करे, ये उनकी जिम्मेदारी है.
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस महीने जानलेवा हमला हो गया था. आजाद मार्च निकालने के दौरान एक शख्स ने उन्हें गोली मारी थी. अब उस चोट से तो इमरान खान उबर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के कोर्ट ने आगाह किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री पर फिर जानलेवा हमला हो सकता है. कोर्ट के पास इंटेलिजेंस की कुछ रिपोर्ट आई हैं, उन्हीं के आधार पर कहा जा रहा है कि इमरान खान पर अभी संकट टला नहीं है और उन पर फिर हमले की भी आशंका है.
इमरान की जान को अभी भी खतरा
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आमर फारूक ने कहा है कि हमारे पास इंटेलिजेंस की कुछ रिपोर्ट आई हैं. इमरान खान पर एक और जानलेवा हमले की संभावना है. सरकार और राज्य इस मामले में समय रहते जांच करे, ये उनकी जिम्मेदारी है. जानकारी के लिए बता दें कि कुछ व्यापारियों द्वारा कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. कहा गया था कि इमरान खान की आजाद मार्च की वजह से सड़क बंद पड़ी है और कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उसी मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस आमर फारूक ने कहा है कि प्रदर्शन करना सभी का अधिकार है. लेकिन नागरिकों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाए, ये जरूरी है. इंग्लैंड में भी लोग 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर इकट्ठा होते हैं, लेकिन वे प्रदर्शन करते हैं, सड़कें बंद नहीं करते हैं. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मार्च को नहीं रोक सकता है, आपने जीटी रोड ही ब्लॉक कर दी. आपको भी जिम्मेदारी दिखानी चाहिए. अब इस मामले में 22 नवंबर को अगली सुनवाई होने वाली है.
तोशखाना मामले में दोषी इमरान
यहां ये समझना जरूरी है कि इमरान खान ने 28 अक्टूबर को पूरे पाकिस्तान में आजाद मार्च शुरू किया था. उनकी तरफ से पीएम शहबाज शरीफ को तो घेरा ही जा रहा है, इसके अलावा देश में जल्द चुनाव करवाने पर भी जोर है. वैसे इमरान खान की तरफ से ये प्रदर्शन इसलिए भी तेज कर दिया गया है क्योंकि वे तोशाखाना केस में दोषी पाए जा चुके हैं. असल में इमरान खान 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा कानूनी अनुमति दी थी.
पूर्व प्रधानमंत्री ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.